शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में करीब पांच दिन पूर्व शुगर मिल से भुगतान न मिलने के कारण कर्ज के तले दबे एक किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने का मामला सामने आया था। जिसके चलते भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) के बैनर तले दर्जनों किसान क्लक्ट्रेट पहुंचे। जहा उन्होंने जिलाधिकारी से शुगर मिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने व पीड़ित परिवार की क्षतिपूर्ति हेतु शुगर मिल से पचास लाख रुपए दिलवाए जाने की मांग की हैं। और मांग पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
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आपको बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) के पदाधिकारियों के साथ दर्जनों किसान क्लक्ट्रेट पहुंचे जहा उन्होंने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि थाना झिंझाना क्षेत्र के गांव पूरमाफी में आजाद सिंह नामक एक लघु किसान रहता था,जो खेतीबाड़ी करके अपनी ओर अपने परिवार की गुजर बसर कर रहा था।जहा किसान की पत्नी को किडनी की बीमारी होने के कारण उसके इलाज के दौरान काफी खर्च हु। जिसके चलते किसान पर बैंकों व स्थानीय लोगों का काफी कर्ज हो गया था। किसान अपना कर्ज़ उतारने के लिए बजाज शुगर मिल से अपना भुगतान कराने के लिए बार बार आग्रह कर रहा था। लेकिन शुगर मिल ने किसान की पीड़ा नहीं समझी ओर भुगतान नहीं किया,जिसके चलते निराशा में डूबे किसान ने आत्महत्या जैसा कदम उठाते हुए मौत को गले लगा लिया।
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किसानों का कहना है कि घटना को इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी बजाज शुगर मिल पर एफ आई आर भी दर्ज नहीं की गई है।क्योंकि अगर शुगर मिल समय से किसान को भुगतान दे देता तो आज वह सकुशल अपने परिवार के बीच होता। इसीलिए शुगर मिल ही किसान की मौत का जिम्मेदार है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन को शुगर मिल के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवानी चाहिएं ओर मृतक किसान के परिवार को शुगर मिल से पचास लाख रुपए क्षतिपूर्ति हेतु दिलवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाकियू महात्मा टिकैत शुरू से ही किसानों की लड़ाई लड़ती आ रही हैं और अगर उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई तो उन्हें मजबूरन बड़े आंदोलन करना पड़ेगा।