बरसात के बाद तुरई की खेती से होगा बंपर मुनाफा! सिर्फ 1 बीघा जमीन में कमाएं ₹1,40,000 तक, जानिए पूरी खेती की तकनीक और वैरायटी

बरसात का मौसम जब धीरे-धीरे खत्म होने लगता है, तो किसान अपनी जमीन पर सब्जियों की बुवाई की तैयारी में लग जाते हैं। यदि आप भी कम जमीन और कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं, तो तुरई की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है।
तुरई की खेती से कमाई कितनी हो सकती है

बरसात के बाद तुरई की खेती क्यों लाभकारी है
बरसात के बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है, जिससे तुरई की खेती आसानी से हो जाती है। इसके अलावा यह फसल 2 महीने के भीतर तैयार हो जाती है और इसमें अधिक खर्च नहीं आता।
फसल से अधिक उत्पादन लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें:
- खेत का चयन ऐसी जगह करें जहाँ पानी की निकासी अच्छी हो, ताकि खेत में पानी बिल्कुल भी न रुके।
- बीज की बुवाई के बाद शुरुआत में 15 दिन तक मिट्टी में नमी बनाए रखें, उसके बाद सिंचाई आवश्यकतानुसार करें।
- बुवाई तब करें जब मिट्टी में हल्की नमी हो, ताकि अंकुरण अच्छा हो।
- खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी तैयार करें।
- बीजों की दूरी 1 से 2 फीट रखें और बेल को सहारा देने के लिए बाँस के खंभे या जाल का इस्तेमाल करें। इससे फल की गुणवत्ता अच्छी रहती है और तुड़ाई में आसानी होती है।
बेहतर वैरायटी का चयन करें
तुरई की पैदावार बढ़ाने के लिए सही वैरायटी का चुनाव करना बहुत जरूरी है। कुछ लोकप्रिय और लाभकारी वैरायटीज़ इस प्रकार हैं:
इन वैरायटीज़ में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है और ये जल्दी उत्पादन देती हैं। आप जैविक खेती के माध्यम से भी इनसे अच्छी कमाई कर सकते हैं।
बरसात के बाद तुरई की खेती छोटे और बड़े किसानों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। कम समय में उत्पादन, कम लागत और अच्छी बाजार कीमत इसे एक आकर्षक विकल्प बनाती है।
Disclaimer: यह जानकारी केवल शैक्षिक और मार्गदर्शन हेतु है। निवेश करने से पहले क्षेत्रीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।