गेहूं की HI-8830 वैरायटी: अक्टूबर-नवंबर में करें बुवाई, कम सिंचाई में पाएं 55 क्विंटल तक उपज और लाखों का मुनाफा

अगर आप इस बार रबी सीजन में गेहूं की खेती करने जा रहे हैं तो आज की ये जानकारी आपके लिए बहुत खास है। अक्टूबर से नवंबर के महीने में गेहूं की बुवाई का सीजन शुरू हो जाता है और इस समय सही वैरायटी का चुनाव करना ही ज्यादा उत्पादन की कुंजी होता है। आज हम आपको एक ऐसी गेहूं की किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जो कम पानी में भी शानदार उपज देती है और रोगों से खुद को बचाने की क्षमता रखती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं HI-8830 गेहूं वैरायटी की, जो आजकल किसानों के बीच सबसे पसंदीदा बन चुकी है।
अक्टूबर से नवंबर तक बुवाई का सही समय

खेती की तैयारी और बीज की मात्रा
HI-8830 गेहूं की वैरायटी एक लाभदायक और व्यावसायिक किस्म है। इसकी खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 100 से 120 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में कम्पोस्ट खाद या गोबर की सड़ी हुई खाद मिलानी चाहिए ताकि मिट्टी उपजाऊ बन सके। बीजों को उपचारित कर 4 से 5 सेंटीमीटर की गहराई में बोना सबसे सही रहता है।
बुवाई के समय बेसल डोज में संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे पौधे मजबूत बनते हैं और उत्पादन में वृद्धि होती है।
फसल अवधि और उत्पादन क्षमता
HI-8830 गेहूं की फसल लगभग 120 से 130 दिनों में पक जाती है। इस वैरायटी की औसत उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देखी गई है। यानी अगर आप वैज्ञानिक तरीके से खेती करें तो यह किस्म आपको लाखों रुपए का मुनाफा दे सकती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह कम लागत वाली खेती है, लेकिन मुनाफा शानदार देती है। इसलिए इसे किसान भाइयों के लिए एक बेहतरीन वैरायटी माना जाता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो HI-8830 गेहूं की वैरायटी उन किसानों के लिए वरदान है जो कम पानी और कम लागत में अधिक उत्पादन चाहते हैं। अगर आप भी इस रबी सीजन में कुछ नया और बेहतर ट्राय करना चाहते हैं, तो इस वैरायटी की खेती जरूर करें और अपने खेतों में मुनाफे की फसल उगाएं।