राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी, रबी सीजन में सरसों की इन उन्नत किस्मों से होगा जबरदस्त मुनाफा

अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाने का सपना देख रहे हैं तो इस बार का रबी सीजन आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आया है। राजस्थान में सरसों की बुवाई की तैयारी जोरों पर है और किसान अब सही किस्म के चयन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं क्योंकि यही चुनाव तय करेगा कि आने वाली फसल से कि
रबी सीजन में सरसों की बुवाई की शुरुआत
राजस्थान के कई इलाकों में रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान सरसों की बुवाई में जुट गए हैं। इस बार कृषि विशेषज्ञों ने कुछ ऐसी उन्नत किस्मों की सलाह दी है जो अधिक उपज के साथ बेहतर तेल मात्रा भी देती हैं। इन किस्मों में आरएच-749, गिरिराज और पूसा बोल्ड सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं क्योंकि ये रोग प्रतिरोधक भी हैं और सिंचित तथा असिंचित दोनों क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन करती हैं।
उर्वरक का सही उपयोग देगा फसल में बढ़िया परिणाम
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सरसों की बुवाई के दौरान अगर किसान डीएपी के बजाय एसएसपी (सिंगल सुपर फास्फेट) खाद का उपयोग करें तो फसल को संतुलित पोषण मिलता है। मशीन से बुवाई करते समय पहले खेत में यूरिया डालें और फिर जितनी मात्रा में डीएपी डालते हैं उतनी ही मात्रा में दानेदार एसएसपी का उपयोग करें। इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है बल्कि पौधे मजबूत होकर बढ़ते हैं और फलियाँ भी अधिक बनती हैं।
जानिए कौन सी किस्म किस क्षेत्र के लिए बेहतर है
अगर आप सिंचित यानी पानी वाले क्षेत्र में खेती करते हैं तो आरएच-8812 (लक्ष्मी) और पूसा बोल्ड किस्में आपके लिए बेहतरीन रहेंगी। आरएच-8812 किस्म लंबी होती है और इसकी शाखाएँ अधिक होती हैं जिससे प्रति हेक्टेयर 16 से 18 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। वहीं पूसा बोल्ड किस्म मध्यम कद वाली है जो नियमित सिंचाई वाले खेतों में बेहतरीन पैदावार देती है।
असिंचित या वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों के लिए आरएच-725 और आरएच-761 बेहतरीन विकल्प मानी जाती हैं। इन किस्मों की सबसे खास बात यह है कि इनमें रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है जिससे फसल खराब नहीं होती। इसके अलावा आरएच-1706 और आरजीएन-73 ए दोनों ही ऐसी किस्में हैं जो सिंचित और असिंचित दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। यानी ये हर तरह की जलवायु में अच्छा उत्पादन देती हैं।
बीजोपचार से मिलेगी सुरक्षित और स्वस्थ फसल
दोस्तों अगर आप सरसों की खेती करने जा रहे हैं तो बुवाई से पहले बीजोपचार करना बिल्कुल न भूलें। इससे बीज को रोगों से सुरक्षा मिलती है और पौधों की जड़ें मजबूत बनती हैं। बीजोपचार से फसल का विकास बेहतर होता है और उपज में गिरावट नहीं आती। यह छोटा सा कदम आपकी पूरी फसल को बड़े नुकसान से बचा सकता है।
इस बार के रबी सीजन में अगर आप सरसों की खेती की योजना बना रहे हैं तो सही किस्म का चुनाव, संतुलित खाद का उपयोग और बीजोपचार जैसे छोटे-छोटे उपाय अपनाकर आप अपनी पैदावार को कई गुना बढ़ा सकते हैं। राजस्थान की मिट्टी और मौसम के अनुसार सरसों की उन्नत किस्में जैसे आरएच-749, पूसा बोल्ड, गिरिराज और आरएच-8812 किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। तो दोस्तों देर न करें, इस रबी सीजन में सरसों की खेती से सुनहरे मुनाफे की शुरुआत करें।