"भारत का गोल्ड लोन मार्केट बनेगा 15 लाख करोड़ का विशाल कारोबार, ICRA की रिपोर्ट ने बताई तेजी की असली वजह"

Business News: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गोल्ड लोन मार्केट मार्च 2026 तक 15 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है।
एक साल पहले हासिल होगा 15 लाख करोड़ का लक्ष्य
वित्त वर्ष 2027 तक 18 लाख करोड़ का अनुमान
ICRA लिमिटेड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड (फाइनेंशियल सेक्टर रेटिंग्स) ए.एम. कार्तिक ने बताया कि संगठित गोल्ड लोन बाजार का आकार वित्त वर्ष 2027 तक और बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
NBFCs के पोर्टफोलियो में 35% तक की वृद्धि संभव”
एजेंसी का कहना है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में 30 से 35 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा सकती है। इसकी वजह है ऊंचे सोने के दाम और असुरक्षित ऋण उत्पादों में सुस्ती, जो उसी ग्राहक वर्ग को लक्षित करते हैं।
विविधीकरण और ‘फ्री गोल्ड’ होल्डिंग्स बनेगी ताकत
ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कई गोल्ड लोन कंपनियां अब विविधीकरण रणनीति अपना रही हैं। देश में उपलब्ध बड़ी मात्रा में फ्री गोल्ड होल्डिंग इस विकास को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।
“देश की गोल्ड संपत्ति से मिलेगा बाजार को बल”
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सेक्टर आने वाले वर्षों में और भी संगठित होगा और ग्रामीण भारत तक अपनी पहुंच बढ़ाएगा।
सोने की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का असर
इस तेज विकास का मुख्य कारण सोने की ऊंची कीमतें रही हैं। हालांकि, कोलैट्रल के रूप में रखे गए सोने का वास्तविक टन भार वित्त वर्ष 2020 से 2025 के बीच केवल 1.7% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है।
“लोन साइज दोगुना, शाखाओं की वृद्धि सीमित”
इस दौरान औसत लोन साइज दोगुने से अधिक हो गया, जबकि गोल्ड लोन ब्रांचों की संख्या में केवल 3.3% की धीमी CAGR से वृद्धि दर्ज हुई है।
बैंकों ने NBFCs से बेहतर प्रदर्शन किया
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान गोल्ड लोन सेक्टर ने लगभग 26% की CAGR से विस्तार किया, जिससे इसका कुल आकार 11.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया।
बैंकों की हिस्सेदारी में आई मजबूती
इस अवधि में बैंकों की वृद्धि NBFCs की तुलना में तेज रही, जिसके चलते समग्र संगठित बाजार में बैंकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इससे NBFCs का हिस्सा कुछ हद तक घट गया।
बैंकों और NBFCs की बाजार हिस्सेदारी
मार्च 2025 तक, बैंकों की संगठित गोल्ड लोन बाजार में 82% हिस्सेदारी थी, जबकि NBFCs के पास 18% हिस्सा रहा।
NBFCs का AUM 41% बढ़ा
ICRA के आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक NBFC गोल्ड लोन AUM लगभग 2.4 ट्रिलियन रुपये था, जो साल-दर-साल 41% की मजबूत वृद्धि को दर्शाता है। यह संकेत देता है कि NBFC सेक्टर अभी भी अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए है और आने वाले समय में बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा जारी रखेगा।
गोल्ड लोन सेक्टर के लिए आने वाले साल होंगे निर्णायक
ICRA की रिपोर्ट बताती है कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा घरेलू गोल्ड रिजर्व है, और उसी के कारण यह बाजार लंबे समय तक स्थिर वृद्धि दिखाता रहेगा।
आर्थिक उतार-चढ़ाव के बीच गोल्ड लोन की स्थिरता
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में गोल्ड लोन एक सुरक्षित वित्तीय विकल्प बनकर उभरेगा, जो ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में क्रेडिट एक्सेस को और सुलभ बनाएगा।