किसानों के लिए सोने से भी ज्यादा मुनाफे वाली बनी ये अलसी की किस्म, देती है जबरदस्त तेल उत्पादन और बीज से लाखों की कमाई

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अगर आप इस सीजन में कोई ऐसी फसल उगाना चाहते हैं जिससे बीज और तेल दोनों से शानदार कमाई हो सके तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक जबरदस्त जानकारी। दोस्तों अलसी की खेती अब सिर्फ एक पारंपरिक फसल नहीं रही बल्कि यह किसानों के लिए मुनाफे की गारंटी बन चुकी है। इसके तेल की डिमांड मार्केट में काफी ज्यादा रहती है और यही वजह है कि अलसी का तेल आज बहुत महंगे दामों पर बिक रहा है।

रबी सीजन अलसी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है और इस समय इसकी बुवाई शुरू हो चुकी है। अगर आप भी अलसी की खेती करने का विचार बना रहे हैं तो अलसी की जेएलएस-66 (जवाहर अलसी सागर-66) किस्म आपके लिए सबसे बेहतर साबित हो सकती है।

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जेएलएस-66 किस्म की खासियत

अलसी की यह किस्म बीज और तेल दोनों के उत्पादन के लिए बेहद उपयोगी है। इसकी गुणवत्ता इतनी बेहतरीन होती है कि यह मार्केट में आसानी से ऊंचे दामों पर बिक जाती है। खास बात यह है कि यह किस्म प्रमुख रोगों और बड फ्लाई कीट के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी होती है जिससे किसानों को नुकसान का खतरा बहुत कम रहता है।

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इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है जो इसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभदायक बनाती है। यही वजह है कि उद्योगपतियों से लेकर हेल्थ ऑयल कंपनियों तक इस किस्म की भारी मांग रहती है।

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खेती का सही समय और मिट्टी

जेएलएस-66 किस्म की खेती के लिए अक्टूबर से नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह रबी मौसम की फसल है और अच्छी जल धारण क्षमता वाली काली दोमट मिट्टी में इसकी पैदावार सबसे ज्यादा होती है। खेती से पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें और गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद डालें ताकि मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व बने रहें।

खेत में नमी बनी रहनी चाहिए और खरपतवार को समय-समय पर निकालते रहना जरूरी है। बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना न भूलें क्योंकि इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

बीज की मात्रा और उत्पादन

अलसी की इस किस्म के लिए लगभग 30 से 35 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होते हैं। बुवाई के करीब 114 दिनों बाद फसल पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है। जेएलएस-66 किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 1200 किलोग्राम तक बीज का उत्पादन आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

इस किस्म के बीजों में लगभग 42.85 प्रतिशत तक तेल पाया जाता है जो उच्च गुणवत्ता का होता है और मार्केट में इसकी कीमत भी बहुत अच्छी मिलती है। यानी एक बार अगर आपने इसकी खेती शुरू कर दी तो आपको बीज और तेल दोनों से शानदार कमाई की गारंटी मिल सकती है।

कुल मिलाकर कहा जाए तो अलसी की जेएलएस-66 किस्म किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। कम लागत में ज्यादा मुनाफा और मार्केट में लगातार बढ़ती मांग इसे एक सुरक्षित और लाभदायक फसल बनाती है। अगर आप रबी सीजन में कोई मुनाफे वाली फसल बोने का विचार कर रहे हैं तो अलसी की इस किस्म को जरूर अपनाएं।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। खेती करने से पहले स्थानीय कृषि विभाग या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें ताकि आपको अपनी भूमि और मौसम के अनुसार सही दिशा-निर्देश मिल सके।

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