गेहूं की खेती में किसानों की किस्मत बदलने आई पूसा अदिति (HI 1654) किस्म, जबरदस्त पैदावार, रोगों से सुरक्षा और लाखों की कमाई का भरोसा

खेती किसानी करने वाले किसान भाइयों के लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब उनकी मेहनत का फल भरपूर उपज और अच्छा दाम देकर लौटता है। अब जबकि गेहूं की खेती का सीजन शुरू हो चुका है ऐसे में सभी किसान अच्छे और उच्च उत्पादन देने वाले बीज की तलाश में रहते हैं। इसी कड़ी में गेहूं की पूसा अदिति किस्म किसानों के लिए सोने पर सुहागा साबित हो रही है।
पूसा अदिति किस्म की खासियत
बुवाई का सही समय और तरीका
गेहूं की पूसा अदिति किस्म की खेती का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर के महीने माने जाते हैं। खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करनी चाहिए और मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में कम्पोस्ट खाद मिलाना चाहिए। पौधों और पंक्तियों की दूरी सही रखी जाए तो फसल को हवा और धूप पर्याप्त मिलती है जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है। बीज की बुवाई से पहले उसका उपचार करना भी जरूरी है ताकि अंकुरण अच्छा हो और पौधे स्वस्थ रहें।
पकने और उत्पादन की क्षमता
बुवाई के बाद पूसा अदिति किस्म की फसल लगभग 100 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह समय कम होने के कारण किसान जल्दी उपज प्राप्त कर पाते हैं और अगली फसल की तैयारी भी कर सकते हैं। एक हेक्टेयर में इस किस्म की खेती करने से लगभग 78.2 क्विंटल तक की उपज मिल सकती है। इतना ही नहीं इसकी उपज का उपयोग आटा दलिया बिस्किट और अन्य कई खाद्य उत्पाद बनाने में होता है जिससे इसका बाजार मूल्य भी शानदार रहता है।
किसानों की कमाई में इजाफा
दोस्तों आज के समय में खेती तभी लाभदायक साबित हो सकती है जब किसान सही किस्म का चयन करें। पूसा अदिति गेहूं की किस्म न सिर्फ अच्छी पैदावार देती है बल्कि बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। किसान भाई इस किस्म की खेती से लाखों रुपए तक की कमाई कर सकते हैं और अपने मेहनत का सही मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी शोध और कृषि विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। किसान भाई किसी भी फसल की बुवाई से पहले अपने नजदीकी कृषि वैज्ञानिक या कृषि केंद्र से सलाह जरूर लें।