बिजनौर में आशा कार्यकर्ताओं की हुंकार, राज्य कर्मचारी दर्जा और वेतन वृद्धि की मांग पर कलेक्ट्रेट घेरा

Bijnor News: बिजनौर में मंगलवार को सैकड़ों आशा कार्यकर्ता और आशा संगिनी अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतर आईं। कलेक्ट्रेट परिसर में जुटे इन स्वास्थ्य कर्मियों ने पूरी शक्ति और जोश के साथ प्रदर्शन करते हुए सरकार से न्याय की गुहार लगाई। उनका कहना था कि वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में अहम योगदान देने के बावजूद उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा और उचित वेतन नहीं मिला है। यह प्रदर्शन केवल वेतन वृद्धि नहीं, बल्कि सम्मान और सामाजिक सुरक्षा के हक की लड़ाई है।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों पर जोर
अपने ज्ञापन में आशा कार्यकर्ताओं ने सामाजिक सुरक्षा संबंधी लाभों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ईपीएफ (भविष्य निधि) और ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) की सुविधा को लागू करने की मांग की। साथ ही, उन्हें सुपरवाइजर का दर्जा देने, कार्य के लिए आवश्यक मोबाइल या टैबलेट उपलब्ध कराने, और पूर्णतः निशुल्क स्वास्थ्य बीमा की सुविधा उपलब्ध कराने की भी अपेक्षा जताई।
दुर्घटना मुआवजा और रिटायरमेंट बेनिफिट की भी अहम मांग
प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा और आजीविका से जुड़ी अहम बातों को भी उठाया। उन्होंने सरकार से मांग की कि ड्यूटी के दौरान या कार्य संबंधी दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिति में आशा कार्यकर्ता के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। इसके अतिरिक्त, रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त 10 लाख रुपये का भुगतान भी उनके अधिकारों में शामिल किया जाए।
परिवहन और आवास सुविधाओं को लेकर भी जताई नाराजगी
ज्ञापन में अन्य मांगें भी शामिल थीं, जिनमें उम्र सीमा की बाध्यता को खत्म कर योग्यता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान करना था। प्रस्तावित बदलाव के तहत आशा संगिनी को एएनएम और आशा को आशा संगिनी के पद पर पदोन्नति देने की बात कही गई। साथ ही, परिवहन साधन के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी, और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ भी उन्हें दिए जाने की मांग की गई।
महिलाओं का एकजुट होकर संघर्ष
इस विशाल प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष बेबी देवी, अंजित कौर, अनीता देवी, सुषमा, आबिदा परवीन, कुसुम लता के नेतृत्व में सैकड़ों आशा और आशा संगिनी ने भाग लिया। कलेक्ट्रेट परिसर में घंटों तक चले इस प्रदर्शन ने स्थानीय प्रशासन और जनमानस का ध्यान खींचा। कार्यकर्ताओं ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगी।