महर्षि वाल्मीकि जयंती: राकेश टिकैत ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उनका जीवन सामाजिक समरसता और अखंड भारत का प्रमाण
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मुजफ्फरनगर। महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन अवसर पर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भी अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंगलवार को उन्होंने सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सामाजिक समरसता और ज्ञान के प्रतीक
राकेश टिकैत ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का संपूर्ण जीवन सामाजिक समरसता, न्याय और सच्चाई के लिए समर्पित था। उन्होंने वाल्मीकि जी को केवल 'रामायण' का रचयिता नहीं, बल्कि ज्ञान, शिक्षा और नैतिकता का प्रतीक बताया, जिसने समाज में व्याप्त असमानताओं को तोड़ा।
उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, "महर्षि वाल्मीकि का जीवन इस बात का प्रमाण है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी पृष्ठभूमि कैसी भी हो, आत्मज्ञान और परिश्रम के बल पर महानता की ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है। उन्होंने दिखाया कि हर व्यक्ति में अच्छाई की सम्भावना होती है।"
"आज समाज को वाल्मीकि जी के विचारों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत"
टिकैत ने वर्तमान सामाजिक परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज समाज को महर्षि वाल्मीकि के विचारों की पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है। उन्होंने जोर दिया कि वर्तमान समय में जब समाज अनेक स्तरों पर बँटा हुआ है, तब वाल्मीकि जी का दर्शन अखंड भारत की संकल्पना को सशक्त करता है।
उन्होंने उपस्थित युवाओं और किसानों से आग्रह किया कि वे महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को अपनाकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करें।
कार्यक्रम के अंत में, सभी उपस्थित भाकियू पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और किसानों ने महर्षि वाल्मीकि की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
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