ग्राफ्टिंग तकनीक से बनी बनारसी M बेल बदल रही किसानों की किस्मत कम लागत में शानदार कमाई
आज हम आपको बिहार के एक ऐसे युवा किसान की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत सोच और नई तकनीक से खेती को एक नई दिशा दी है मुजफ्फरपुर जिले के भटौलिया गांव के रहने वाले अविनाश कुमार ने बेल की एक नई किस्म तैयार कर न सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि आसपास के किसानों के लिए भी कमाई का नया रास्ता खोल दिया है
मेहनत और सोच से बना बनारसी M
स्वाद आकार और गुणवत्ता में बेहतर
बनारसी M बेल अपने स्वाद और आकार के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही है इसके फल सामान्य बेल से बड़े होते हैं और इनमें बीज बहुत कम होते हैं यही कारण है कि खाने में यह बेल ज्यादा मुलायम और मीठी लगती है बाजार में भी इसकी मांग लगातार बढ़ रही है
खेती और तुड़ाई हुई आसान
इस किस्म की एक खास बात यह भी है कि इसके पौधों में कांटे नहीं होते इससे किसानों को खेती और फल तोड़ने में काफी सुविधा मिलती है अविनाश बताते हैं कि यह बेल मात्र दो साल में फल देना शुरू कर देती है जिससे किसानों को जल्दी आमदनी मिलने लगती है
कम लागत में अच्छी कमाई
अविनाश के अनुसार एक पौधे से साल भर में करीब पांच सौ से छह सौ रुपये तक की आमदनी हो जाती है कम लागत और जल्दी उत्पादन के कारण छोटे और मध्यम किसान भी इस किस्म को आसानी से अपना सकते हैं यही वजह है कि किसान तेजी से इस बेल की ओर आकर्षित हो रहे हैं
किसानों के बीच बढ़ती लोकप्रियता
फिलहाल अविनाश बनारसी M किस्म के पौधे साठ रुपये प्रति पौधा की दर से उपलब्ध करा रहे हैं अब तक तीन सौ से ज्यादा किसान अपने खेत और बागान में इस बेल को लगा चुके हैं मुजफ्फरपुर के साथ साथ वैशाली सीतामढ़ी और समस्तीपुर जिलों से भी किसान इस पौधे को लेने पहुंच रहे हैं
सरकारी सहयोग से बदल सकती है तस्वीर
स्थानीय किसानों का मानना है कि अगर इस किस्म को सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन और तकनीकी सहयोग मिले तो यह बेल भविष्य में पूरे क्षेत्र के किसानों की आमदनी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है यह नवाचार खेती को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो सकता है
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी और स्थानीय अनुभवों पर आधारित है खेती शुरू करने से पहले किसान अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ या विभाग से सलाह अवश्य लें
