सोयाबीन से परेशान किसान अपनाएं चिरायता की खेती एक बीघा में लाखों की कमाई का सुनहरा मौकासोयाबीन से परेशान किसान अपनाएं चिरायता की खेती एक बीघा में लाखों की कमाई का सुनहरा मौका
आज के समय में हर किसान यही चाहता है कि कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कैसे कमाया जाए अगर आप भी सोयाबीन जैसी फसलों से आगे बढ़कर कुछ नया करना चाहते हैं तो चिरायता की खेती आपके लिए एक शानदार मौका बन सकती है यह औषधीय फसल आज किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है और लाखों की कमाई का जरिया बन रही है
एक बीघा में जबरदस्त पैदावार
नीमच मंडी में शानदार भाव
किसानों के अनुसार चिरायता का भूसा नीमच मंडी में सात हजार से आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक जाता है जबकि चिरायता पंचांग नौ हजार से दस हजार रुपये प्रति क्विंटल तक आसानी से बिक जाता है यही वजह है कि व्यापारी भी इस फसल में रुचि दिखा रहे हैं
कम पानी कम खर्च ज्यादा फायदा
चिरायता की खेती की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पानी का खर्च बहुत कम आता है अगर बारिश अच्छी हो जाए तो बिना सिंचाई के भी फसल तैयार हो जाती है बारिश न होने की स्थिति में केवल दो बार पानी देने से काम चल जाता है खाद भी सामान्य ही दी जाती है जैसी अन्य फसलों में दी जाती है इसके अलावा कोई बड़ा खर्च नहीं आता
एक लाख से ज्यादा की कमाई
किसानों का कहना है कि करीब बीस हजार रुपये का खर्च करके एक बीघा से एक लाख रुपये या उससे ज्यादा की कमाई संभव है कटाई जमीन से की जाती है और हार्वेस्टिंग मशीन से उत्पादन निकाला जाता है खास बात यह है कि इस फसल में जड़ तना और पत्ती सब कुछ बिकता है इसलिए नुकसान की संभावना बहुत कम रहती है
खेती का सही समय
चिरायता की बुवाई जून से जुलाई के बीच की जाती है और अक्टूबर से नवंबर तक फसल तैयार हो जाती है अगर किसान को बीज की जरूरत हो तो दिसंबर जनवरी तक फसल खेत में रखी जा सकती है बीज नहीं चाहिए तो चार से छह महीने में फसल पूरी तरह तैयार हो जाती है और भूसा भी मिल जाता है
किसानों के लिए सुनहरा मौका
आज जब किसान सोयाबीन जैसी फसलों में बढ़ते खर्च और घटते मुनाफे से परेशान हैं तब चिरायता की खेती एक मजबूत विकल्प बनकर सामने आ रही है कम लागत कम पानी और बाजार में अच्छी मांग इसे भविष्य की फसल बना रही है
Disclaimer:
यह लेख सामान्य जानकारी और किसानों के अनुभव पर आधारित है खेती शुरू करने से पहले अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ या कृषि विभाग से सलाह जरूर लें
