ठंड के मौसम में इस खेती से पाएं शानदार मुनाफा, जानिए एक्सपर्ट्स के बताए वो खास फार्मूले जो बढ़ा देंगे पैदावार कई गुना
आज हम बात करने वाले हैं ऐसी सब्जी की जो ठंड के मौसम में किसानों के लिए सोने की खान साबित हो सकती है। अगर आप खेत में थोड़ी सी मेहनत और कुछ एक्सपर्ट्स की सलाह को अपनाएं तो यह फसल आपको शानदार उत्पादन और बढ़िया मुनाफा दिला सकती है। किसान अक्सर इसकी खेती तो करते हैं लेकिन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से उपज का वजन घट जाता है और बाजार में सही दाम नहीं मिल पाता। इसलिए चलिए जानते हैं कि इस फसल की खेती करते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि आप भी अच्छी क्वालिटी और ज्यादा उत्पादन पा सकें।
खेती के लिए सही मौसम और तापमान
खेत की तैयारी का सही तरीका
फसल की बुआई से पहले खेत की तैयारी पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए खेत को पांच से छह बार जोतना चाहिए ताकि मिट्टी भुरभुरी और समान रूप से तैयार हो सके। गहरी जुताई के लिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल का उपयोग करना सबसे अच्छा रहता है। इससे मिट्टी की ऊपरी परत ढीली होती है और पौधे की जड़ें आसानी से नीचे तक फैल पाती हैं जिससे फसल मजबूत बनती है।
खेत तैयार करने के बाद उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाना बेहद जरूरी है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार प्रति एकड़ भूमि में 15 से 20 क्विंटल खाद डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल रोगों से बची रहती है। खेत को समतल कर नालियां बना लेना चाहिए ताकि सिंचाई के समय पानी का ठहराव न हो।
सिंचाई और नमी का संतुलन बनाए रखना जरूरी
इस फसल की बढ़वार के दौरान नमी का संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। नमी कम होने पर पौधे कमजोर हो जाते हैं और ज्यादा पानी भरने से जड़ गलने का खतरा रहता है। इसलिए जरूरत के अनुसार ही सिंचाई करें और खेत में पानी रुकने न दें।
इसके साथ ही खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें क्योंकि खरपतवार पौधों की जड़ों से पोषक तत्व छीन लेते हैं जिससे फसल कमजोर पड़ जाती है। अगर किसान समय-समय पर खेत की निगरानी करें और खरपतवार निकालते रहें तो फसल स्वस्थ रहती है और उत्पादन दोगुना तक बढ़ सकता है।
अगर किसान इन एक्सपर्ट टिप्स को ध्यान में रखकर खेती करें तो ठंड के मौसम में यह फसल शानदार मुनाफा दे सकती है। खेत की सही तैयारी, उचित खाद, नियमित सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण इस फसल की सफलता के मूल मंत्र हैं। थोड़ी मेहनत और समझदारी से किसान प्रति एकड़ उपज को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं और बाजार में बढ़िया भाव प्राप्त कर सकते हैं।
