मुजफ्फरनगर। सरकारी एजेंसी दवा घोटाले के मामले में आरोपी जिला अस्पताल के पूर्व प्रशिक्षु गुल सनव्वर की अग्रिम जमानत अर्जी जिला जज ने खारिज कर दी। अपने आदेश में सरकारी दवा घोटाले पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए जिला जज ने टिप्पणी में कहा कि बिना किसी पद पर रखे एक बाहरी व्यक्ति से ऐसा महत्वपूर्ण काम कैसे लिया जा रहा था। सीएमओ को आदेशित किया कि वे इसकी गंभीरता से जांच कराकर इस घोटाले की तह तक जाएं। विगत आठ जनवरी को जिला अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट हरीश उनियाल ने शहर कोतवाली में पूर्व प्रशिक्षु फार्मासिस्ट के विरुद्ध अपराधिक विश्वासघात का मुकदमा दर्ज कराया था।
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आरोपी ड्रग वेयर हाउस से सरकारी अस्पताल की दवाइयां लाने का काम करता था। आरोप था कि उसने ड्रग वेयर हाउस से दवाइयां प्राप्त कर उनकी आपूर्ति जिला अस्पताल में नहीं की। इस मामले मेंं बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में आरोपी को अग्रिम जमानत प्रदान करने की याचना की गई थी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से जिला जज की कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। अभियोजन की ओर से आरोपी को अग्रिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए तर्क दिया गया कि जमानत से मामले की विवेचना में खलल पड़ने की आशंका है। बताया कि आरोपी 2022 में फार्मेसी के प्रशिक्षण के लिए जिला अस्पताल आया था। प्रशिक्षण प्राप्त कर वह अवैतनिक तरीके से कार्य कर रहा था। मांग अनुसार सरकारी गाड़ी से ड्रग वेयरहाउस से दवा लाता था। आरोपी की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर जिला जज ने टिप्पणी की। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आरोपी को किसी स्थाई या अस्थाई पद पर अस्पताल प्रशासन की ओर से न रखे जाने के बावजूद उससे इतना महत्वपूर्ण कार्य लिया जा रहा था।
उन्होंने आदेश की प्रति सीएमओ को भेजने को कहा। साथ ही आदेशित किया कि सीएमओ इस प्रकरण में अपने स्तर से आवश्यक विभागीय कार्यवाही करते हुए वास्तविक घटना के तथ्यों के मूल तक पहुंचे कि आरोपी किसके द्वारा व किन परिस्थितियों में ऐसा महत्वपूर्ण कार्य लिया जा रहा था। जिससे न केवल आम जनता के लिए खरीदी गई दवाइयों का गबन हुआ, बल्कि राजकीय हानि भी हुई।