मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट पर SIR की धीमी रफ्तार से भाजपा चिंतित, सदर सीट पर 90 हजार से अधिक वोट कटे !
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट इस बार मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में जिले की छह विधानसभा सीटों में सबसे कमजोर प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। जिले की छह में से पाँच सीटों पर भाजपा-रालोद गठबंधन के विधायक होने के बावजूद भाजपा को यहाँ झटका लगता नज़र आ रहा है।
विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान शुरू होने के बाद भाजपा संगठन द्वारा लगातार मतदेय स्थलों (बूथों) को सक्रिय करने के प्रयास किए गए। जनपद की समस्त छह विधानसभा सीटों के 1982 बूथों पर बूथ स्तरीय अभिकर्ता (बीएलए) तैनात करने में सर्वाधिक तेज़ी दिखाई गई। सदर विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल, नगरपालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप, जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी और वरिष्ठ नेता गौरव स्वरूप बीएलए को लेकर मैदान में उतरे। इसके बावजूद अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं हो सके।
मुस्लिम मतदाता सक्रिय, हिंदू क्षेत्रों में उदासीनता
जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर मुस्लिम मतदाता पहले दिन से ही गणना प्रपत्र भरवाने को लेकर सक्रिय दिखाई दिए। मुस्लिम इलाकों में SIR के चलते उनकी नागरिकता पर भी खतरे को लेकर पैदा हुई चिंता ने उनकी सक्रियता को बढ़ाने में विशेष भूमिका अदा की। नाम न बताने की शर्त पर कई बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने जानकारी दी कि मुस्लिम बहुल बूथों पर गणना प्रपत्र समय से जमा कराए गए, जबकि हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में लोग उदासीन बने रहे। गणना प्रपत्र भरवाने में लापरवाही बरती गई और यहाँ पर मृतक, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं के कारण बूथों पर अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस अभियान में जनपद में बुढ़ाना और खतौली विधानसभा क्षेत्र पुनरीक्षण अभियान में सबसे आगे रहे, जहाँ पहले भी भाजपा को विपक्ष से राजनीतिक चुनौती मिली थी। उसी प्रकार इस बार भी इन क्षेत्रों में मतदाता सक्रिय दिखे, जबकि मुजफ्फरनगर सीट पर कमजोर आंकड़ों ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। मुजफ्फरनगर जैसे महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्र में अभियान के कमजोर आंकड़े भाजपा के लिए चेतावनी माने जा रहे हैं।
कार्य की गति सबसे धीमी, 90 हज़ार से ज़्यादा वोट कटे
अभियान का अंतिम दिन गुरुवार को सुबह से ही बीएलओ, पर्यवेक्षक और सुपरवाइजर दौड़-धूप में लगे रहे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) भी लगातार निगरानी में जुटे रहे।
प्रशासन ने शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण होने का दावा किया है, हालांकि नौ दिसम्बर को पेश किए गए प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार जनपद में 82.66 प्रतिशत कार्य अपडेट हो चुका था। इसमें मुजफ्फरनगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम, करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने का दावा किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरनगर शहर में 90 हज़ार से ज़्यादा वोट कटे हैं। फ़िलहाल समय अवधि बढ़ गई है जिसके चलते बीजेपी अपनी सक्रियता और बढ़ा रही है।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में
रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !
