'संसद से सड़क तक' लड़ी जाएगी 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट की लड़ाई, सांसद हरेंद्र मलिक ने दिलाया भरोसा
मुजफ्फरनगर। देश भर में वर्ष 2011 से पहले सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) से छूट प्रदान करने की मांग अब मुजफ्फरनगर के राजनीतिक गलियारों से भी मुखर हो गई है। संसद में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव द्वारा इस मुद्दे को उठाने और संशोधन बिल लाने के प्रयासों को भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ ने हृदय से सराहा है।
सांसद हरेंद्र मलिक का आश्वासन: प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए सांसद हरेंद्र मलिक ने शिक्षकों के पक्ष में मजबूती से खड़े होने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद धर्मेंद्र यादव ने जो पहल की है, वह शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम इस लड़ाई को संसद से लेकर सड़क तक लड़ने का संकल्प लेते हैं और इसके लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के हक में हर संभव कदम उठाया जाएगा, ताकि उनके मुद्दों का समाधान हो सके और शिक्षा के क्षेत्र में न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ ने आभार पत्र में सांसद हरेन्द्र मलिक से अपील की कि वे इस संघर्ष को जारी रखें और इस मुद्दे को संसद में और प्रभावी तरीके से उठाएं, ताकि 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट मिल सके और उनका भविष्य सुरक्षित हो। सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने इस मांग को न्याय संगत बताते हुए सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अपील की।
इस अवसर पर भाकियू शिक्षक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राम रतन, कार्यकारी जिलाध्यक्ष अमित तोमर, अमित शर्मा, मनीष गोयल, अजब सिंह, कनिष्क वीर, संजय राठी, संजय कुमार, विपिन गोयल, अमित शर्मा, वैभव सिघल, शिवम सैनी, अभिषेक सेठ, उस्मान अली, अब्दुल्ला, अखलाक अहमद सिद्दीकी, मूलराज शर्मा, तुष्य भूषण शर्मा, संदीप मलिक, विनय गोयल, निशुतोष, विपिन कुमार गोयल, अमित कुमार, मनोज कुमार, ओमपाल सिंह, क्षितिज नेगी, अनुज कुमार, सुधीर पोरिया, लोकेश वशिष्ठ, पुष्पेंद्र शर्मा, गौरव कुमार, संजय कुमार, मेहरबान कुरैशी एवं रूप सिंह सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।
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