सरल कानून और विश्वास आधारित प्रशासन देश के विकास की कुंजी : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि चिंतन शिविर उच्च स्तर के विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अच्छा मंच है और जब इन विचारों को नीति में बदला जाता है तो यह भारत को 'विकसित देश' बनाने की गति को और तेज कर सकता है।
चिंतन शिविर का मुख्य उद्देश्य भारत को 'विकसित देश' बनाने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करना था। इनमें 'विकसित भारत' के लिए वित्त पोषण, व्यापार करने में आसानी में सुधार और शासन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग शामिल था। इन क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारियों ने विस्तार से चर्चा की और फिर अपने सुझाव साझा किए। चर्चा में यह बात सामने आई कि भारत के वित्तीय सिस्टम को मजबूत करना और राज्यों व शहरी निकायों को अधिक शक्तियां देना जरूरी है।
इसके साथ ही, कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजारों को बढ़ावा देना, डिजिटल व बिना संपत्ति के लोन को बढ़ावा देना और निजी निवेश को प्रोत्साहित करना भी महत्वपूर्ण है, ताकि लंबे समय तक विकास हो सके। व्यापार करने में आसानी पर चर्चा करते हुए सरल कानूनों और अधिक सहायता प्रदान करने वाले प्रशासन पर जोर दिया गया। अधिकारियों ने जीएसटी, सीमा शुल्क और कॉर्पोरेट विनियमन जैसे क्षेत्रों में बिना हस्तक्षेप वाले और डेटा-आधारित अनुपालन प्रणाली बनाने, नियामक लागतों को कम करने, विवादों के त्वरित समाधान और विश्वास आधारित प्रणालियों को बढ़ावा देने पर चर्चा की।
