अगर धीमी हुई अर्थव्यवस्था, तो दिसंबर में आरबीआई एमपीसी कर सकती है ब्याज दरों में कटौती, आईसीआईसीआई बैंक रिपोर्ट में संकेत

ICICI Bank Report: देश की आर्थिक विकास दर अगर धीमी रहती है और वैश्विक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण बनी रहती हैं, तो दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। आईसीआईसीआई बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, हाल के संकेतों और नीतिगत भाषा में बदलाव से यह संभावना बढ़ी है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि प्रारंभिक कटौती 25 बेसिस प्वाइंट की हो सकती है, लेकिन अंतिम फैसला देश के जीडीपी और वैश्विक आर्थिक हालात पर निर्भर करेगा।
नीतिगत भाषा में बदलाव से नरम रुख का संकेत
दिसंबर में तय होगा अगला कदम: आरबीआई गवर्नर
आईसीआईसीआई रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि जब महंगाई नियंत्रण में हो, तो दरों में कटौती का सबसे बड़ा कारण आर्थिक विकास होता है। अगर बाहरी परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण बनी रहती हैं और आर्थिक विकास धीमा होता है, तो एमपीसी दिसंबर में ब्याज दर में कटौती कर सकती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने भी संकेत दिए कि कुछ गुंजाइश बनी है और कई कारकों के आधार पर दिसंबर में अगला कदम तय किया जाएगा।
एमपीसी के बाहरी सदस्यों ने नरम रुख को समर्थन दिया
रिपोर्ट में बताया गया कि एमपीसी के दो बाहरी सदस्यों ने नीतिगत रुख का समर्थन किया। इससे नीति में नरमी की संभावनाओं को और बल मिला है। अभी की स्थिति में 25 आधार अंकों की कटौती संभव है, लेकिन यह जीडीपी के आंकड़ों, रोजमर्रा के आर्थिक संकेतकों और वैश्विक व्यापार स्थिति पर निर्भर करेगा।
जीएसटी दर कटौती से उपभोक्ताओं को कुछ राहत
गवर्नर ने यह भी कहा कि हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती से उपभोग को कुछ समर्थन मिलेगा। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई पूरी तरह नहीं हो पाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, जब तक महंगाई नियंत्रण में है, तब तक आने वाले महीनों में आर्थिक विकास और बाहरी चुनौतियां तय करेंगी कि आरबीआई कितनी दर कटौती कर सकता है।