मेरठ में 'मुस्लिम सोडा व्यापारी' के ठेले पर बवाल: भाजपा के दो पार्षदों में मारपीट, थाने में विधायक-पार्षदों का हंगामा; पुलिस से हाथापाई

मेरठ, उत्तर प्रदेश। मेरठ के सूरजकुंड पार्क के बाहर दशहरा मेला स्थल पर एक मुस्लिम सोडा व्यापारी के ठेला लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो गुटों के पार्षदों के बीच जमकर मारपीट हो गई। यह विवाद पुलिस हिरासत, थाने में हंगामे और विधायक-पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक तक पहुंच गया।
पार्षदों में हुई मारपीट, फिर पुलिस हिरासत
हालांकि, सुबह सुमित पक्ष के सुफियान नाम के शख्स ने ठेला लगा लिया। उत्तम सैनी पक्ष के पहुंचने पर विवाद बढ़ गया और दोनों पक्षों में लात-घूंसे चलने लगे। सूचना पर पहुंची सिविल लाइन थाना पुलिस ने पार्षद उत्तम सैनी सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया। उत्तम सैनी पक्ष ने पुलिस पर अभद्रता करने और पीटते हुए थाने लाने का आरोप लगाया।
सिविल लाइन थाने में बढ़ा बवाल
पार्षद उत्तम सैनी को हिरासत में लेने की खबर मिलते ही भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नेता सिविल लाइन थाने पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया।
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कार्यकर्ताओं ने पार्षद के साथ अभद्रता करने पर एसएचओ सौरभ शुक्ला से नोकझोंक की।
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हंगामे के दौरान भाजपा कार्यकर्ता अक्षय गोयल के साथ दरोगा की हाथापाई हो गई, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए लॉकअप के पास बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी।
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भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग कर समर्थकों को बाहर खदेड़ना पड़ा।
विधायक और पुलिस अधिकारियों में नोकझोंक
हंगामे की सूचना पर कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी और महापौर हरिकांत अहलूवालिया भी थाने पहुंचे।
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विधायक अमित अग्रवाल की सीओ सिविल लाइन नवीना शुक्ला से तीखी नोकझोंक हुई।
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विवाद उस समय और बढ़ गया जब एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की। महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी और विधायक अमित अग्रवाल ने एसपी सिटी पर कार्यकर्ताओं को धमकाने का आरोप लगा दिया, जिस पर करीब पांच मिनट तक अफरातफरी रही।
पार्टी स्तर पर निपटा विवाद
करीब तीन घंटे चले इस हंगामे के बाद महापौर, विधायक और महानगर अध्यक्ष ने इसे पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए सुलझाने का फैसला किया। बातचीत के बाद यह तय हुआ कि:
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विजयादशमी मेले के दौरान किसी भी व्यक्ति का ठेला नहीं लगेगा।
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दोनों पक्षों में से कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं करेगा।
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पार्टी स्तर पर विवाद को सुलझाया जाएगा।
इसके बाद, पुलिस ने हिरासत में लिए गए पार्षद उत्तम सैनी समेत चारों युवकों को छोड़ दिया।