मुजफ्फरनगर। मौहल्ला गांधी कालोनी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में श्री सनातन धर्म पुरुषार्थी रामलीला कमेटी के तत्वावधान में विजयादशमी का पर्व परंपरा और उत्साह के साथ मनाया गया। एसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित इस भव्य आयोजन में रावण दहन मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दैनिक रॉयल बुलेटिन के प्रधान संपादक एवं मीडिया सेंटर के अध्यक्ष अनिल रॉयल रहे। उन्होंने श्रीराम परिवार की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजन के उपरांत रथ पर सवार होकर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी के साथ दशहरा मैदान पहुंचे। बैंड-बाजे और जयकारों के साथ निकली शोभायात्रा ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
मेला मैदान पहुंचने पर आयोजन समिति द्वारा मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का पटका व मालाएं पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने पूरे आयोजन का आनंद लिया।
रावण दहन से पूर्व भगवान श्रीराम और रावण के बीच प्रतीकात्मक युद्ध का मंचन किया गया। इसके बाद रावण, कुंभकरण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन किया गया। आतिशबाजी के रंग-बिरंगे नज़ारों के बीच पूरा मैदान “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
मुख्य अतिथि अनिल रॉयल ने अपने संबोधन में कहा कि विजयादशमी सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि यह सत्य की असत्य पर, धर्म की अधर्म पर, और विनम्रता की अहंकार पर जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “रावण दहन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारे भीतर और समाज में मौजूद बुराइयों — जैसे अहंकार, क्रोध, ईर्ष्या और लोभ — को समाप्त करने का प्रतीक है। जब तक हम अपने अंदर के रावण को नहीं जलाएंगे, तब तक सच्चे अर्थों में विजयादशमी का महत्व अधूरा रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि आज के समाज को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता है। यदि किसी परिवार में भारत और लक्ष्मण जैसा भाई और उर्मिला एवं सीता जैसी भाभी हों, तो वह घर रामायण का जीवंत चित्रण बन जाता है।
कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, कुश पुरी, अशोक बाटला और प्रभाष स्वरूप विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत परंपरागत रूप से पटका पहनाकर किया गया।
इस अवसर पर जगदीश बिंद्रा, राकेश हुडिया, विनोद छाबड़ा, नरेश अरोरा, सरदार धनप्रीत सिंह चन्नी बेदी, विवेक चुग, प्रेमी छाबड़ा, पवन छाबड़ा, मुकुल दुआ, विक्की चावला, अमित अरोरा, हरिकिशन गुलाटी, मोहनलाल मोनी, भवानी मलिक सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा, जिसमें रामभक्ति और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम देखने को मिला।