गाज़ियाबाद में सर्व समाज हिंदू संगठन का विरोध प्रदर्शन, धर्मांतरण कानून पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के खिलाफ जताई नाराज़गी


गाज़ियाबाद। देश के विभिन्न राज्यों में लागू धर्मांतरण विरोधी कानूनों की कानूनी वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के विरोध में आज गाज़ियाबाद में सर्व समाज हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
विरोध का मुख्य कारण
प्रदर्शन का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट में दायर उन याचिकाओं को बताया गया, जिनमें धर्मांतरण विरोधी कानूनों की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "जब धर्मांतरण विरोधी कानून कई सालों से लागू हैं और जनता के हित में बने हैं, तो आज अचानक इनकी वैधता पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं?"
संगठन ने चिंता जताई कि जब केंद्र और राज्यों में धर्मांतरण रोकने वाली सरकारें सत्ता में हैं, तो ऐसी याचिकाओं को स्वीकार कर राज्यों से जवाब मांगना समाज में अनावश्यक भ्रम और विवाद फैलाने का काम कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा राज्यों से जवाब
ज्ञात हो कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण विरोधी कानून को लेकर नोटिस जारी करते हुए उन राज्यों से जवाब मांगा है, जहाँ ये कानून लागू हैं। कोर्ट ने राज्यों को 30 सितंबर से एक महीने का समय देते हुए उनकी संवैधानिक वैधता पर पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।
हिंदू संगठनों का स्पष्ट मत है कि ये कानून देश की संस्कृति, आस्था और सामाजिक एकता की रक्षा के लिए अत्यंत जरूरी हैं, और इन्हें किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
संगठन ने दावा किया कि गाज़ियाबाद में चार ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ रोज़ाना 20 से अधिक धर्म परिवर्तन कराए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने इन गतिविधियों के खिलाफ प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।