बाबा साहब के संविधान में चोरी-छिपे डाला गया 'धर्म निरपेक्ष' शब्द : योगी

गाजीपुर- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ में आयोजित ‘प्रबुद्धजन संवाद संगम’ कार्यक्रम में कहा कि भारत की सनातन धर्म की परंपरा ने कभी भी उपासना विधि में कट्टरता नहीं दिखाई, और दुनिया आज तक धर्म और पंथ के अंतर को नहीं समझ पाई है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बाबा साहेब के संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द चोरी-छिपे डाला गया। मुख्यमंत्री ने अपने संकल्प को स्पष्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाया जाएगा, जहां हर हाथ को काम, हर सर को छत, हर खेत में पानी, हर चेहरे पर खुशहाली और हर बेटी व व्यापारी को सुरक्षा मिले। इस विकास के माध्यम से उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था का अग्रणी फोर्स बनकर नेतृत्व करेगा।

जिले में आयोजित ‘प्रबुद्धजन संवाद संगम’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ में पूज्य संत रामाश्रय दास जी महाराज की भव्य और दिव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने पीठाधीश्वर पूज्य संत श्री शत्रुघ्न दास जी महाराज, महाविद्यालय परिवार और क्षेत्रवासियों के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भुड़कुड़ा सिद्ध पीठ भारतीय आध्यात्मिक परंपरा, विशेषकर सतनामी संप्रदाय, से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने संत रामाश्रय दास जी महाराज की शिक्षाओं और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि महाविद्यालय परिसर में उनकी मूर्ति स्थापित करना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। उन्होंने भारत की सनातन परंपरा, धार्मिक सहिष्णुता और आध्यात्मिक ज्ञान को वैश्विक संदर्भ में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि जो मंदिर जाएगा वही हिंदू है और जो नहीं जाएगा वह नहीं। हमारी परंपरा सबको गले लगाती है। उन्होंने संत रामानंद के विचारों को भी उद्धृत किया- ''जाति पाति पूछे ना कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।"
मुख्यमंत्री ने गाजीपुर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत का उल्लेख करते हुए महर्षि विश्वामित्र और भगवान राम के संबंध को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इसी परंपरा और ज्ञान के आधार पर गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई।
योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों और छात्रों से आग्रह किया कि वे अनुशासन, गुरु और संतों के प्रति श्रद्धा बनाए रखते हुए शिक्षा और विकास की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक ज्ञान के साथ पारंपरिक आध्यात्मिक ज्ञान को जोड़ना आवश्यक है, ताकि समाज और राष्ट्र का कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के लक्ष्य को भी दोहराया और सभी संस्थाओं से सुझाव देने का आह्वान किया, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, स्किल डेवलपमेंट, पर्यटन और निवेश जैसे क्षेत्रों में प्रदेश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सके।
राम मंदिर के माध्यम से राष्ट्रीय एकता का संदेश
मुख्यमंत्री ने श्रीराम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि यह अब एक हकीकत बन चुका है। उन्होंने मंदिर से जुड़े प्रतीकों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को दर्शाया:
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दक्षिण भारत के संत: विगत दिनों दक्षिण भारत के तीन संतों की प्रतिमाओं की स्थापना अयोध्या में की गई, जिन्होंने 13वीं से 18वीं शताब्दी के मध्य अपना जीवन भगवान श्रीराम की भक्ति में समर्पित किया।
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महर्षि वाल्मीकि: अयोध्या के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम 'महर्षि वाल्मीकि' के नाम पर रखा गया है।
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अन्य सहयोगी: भगवान श्रीराम के पहले सहयोगी श्री निषादराज जी के नाम पर अयोध्या के रैन बसेरों व यात्री विश्रामालयों का नाम रखा गया, और माता शबरी के नाम पर भोजनालयों की स्थापना की गई है।
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महर्षि विश्वामित्र: प्रधानमंत्री जी की अनुकम्पा से स्थापित गाजीपुर मेडिकल कॉलेज को महर्षि विश्वामित्र को समर्पित किया गया है, जिन्होंने उस समय के आतंकवाद को पहचानकर निपटने का अभियान चलाया था।
उन्होंने गाजीपुर के गहमर गांव का भी विशेष उल्लेख किया, जिसे देश को सर्वाधिक सैनिक देने वाला गांव कहा जाता है, और हर भारतीय को इस पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए।
भुड़कुड़ा मठ में मूर्ति अनावरण और 'विकसित उत्तर प्रदेश @2047' का संकल्प
इसके उपरांत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद गाजीपुर के भुड़कुड़ा स्थित महंत रामाश्रय दास पी0जी0 कॉलेज परिसर में महंत रामाश्रय दास जी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया और प्रबुद्धजनों से संवाद किया। उन्होंने महंत जी के शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार उत्तर प्रदेश में विरासत की सुरक्षा करते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ा रही है, ताकि उत्तर प्रदेश विकसित राज्य बनकर देश को विकसित भारत बनाने में अग्रणी भूमिका निभा सके। उन्होंने 'विकसित उत्तर प्रदेश @2047' के लिए सभी क्षेत्रों—शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, निवेश—के प्रबुद्धजनों से समर्थ पोर्टल या क्यू0आर0 कोड के माध्यम से सुझाव भेजने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कॉलेज परिसर में 'एक पेड़ माँ के नाम' के अन्तर्गत रूद्राक्ष का पौधा भी रोपित किया।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने महाविद्यालय और पीठ के सभी विद्यार्थियों, आचार्यों, भक्तों और अनुयायियों को दीपावली की मंगलमय शुभकामनाएं दीं और पूज्य संत रामाश्रय दास जी महाराज की प्रतिमा स्थापना का महत्व समझाया।
इस अवसर पर पूज्य संत श्री शत्रुघ्न दास महाराज, प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, राज्यसभा सांसद संगीता बिंद बलवंत, सपना सिंह, विशाल सिंह चंचल, विधायक जखनिया बेदी राम, बीजेपी के पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
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