मुजफ्फरनगर आईजीआरएस में फिसड्डी, जन शिकायत निस्तारण में 45वें स्थान पर लुढ़का, राजस्व विभाग बना कारण

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सितंबर 2025 के लिए जारी की गई आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रिवेन्स रिड्रेसल सिस्टम) मासिक मूल्यांकन रिपोर्ट ने मुजफ्फरनगर प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जन शिकायतों के समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण में कभी टॉप-10 में गिना जाने वाला यह जनपद अब सीधे 45वें स्थान पर लुढ़क गया है।

प्रदर्शन में गिरावट का मुख्य कारण
शासन जन समस्याओं के समयबद्ध समाधान को लेकर गंभीर है, लेकिन मुजफ्फरनगर का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है।
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पिछला प्रदर्शन: अगस्त माह की रिपोर्ट में, जिले के समग्र प्रदर्शन के बावजूद, मुजफ्फरनगर पुलिस ने आईजीआरएस शिकायत निवारण में प्रदेश में पहला स्थान अर्जित किया था।
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वर्तमान गिरावट का कारण: विशेषज्ञों और रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व विभाग में शिकायतों का लंबित रहना प्रदर्शन में गिरावट का मुख्य कारण बना हुआ है।
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प्रशासनिक लचरता: विश्लेषकों का मानना है कि लचर निगरानी, समन्वय की कमी, और समय पर जवाबदेही तय न होना प्रदर्शन में गिरावट के मुख्य कारण हैं।
जिलाधिकारी की सख्ती भी बेअसर
जनपद के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा लगातार विभागीय स्तर पर सख्ती दिखा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद आईजीआरएस के निस्तारण में विभागीय प्रदर्शन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
प्रशासन को अब आईजीआरएस निस्तारण प्रणाली की गहन समीक्षा करने, जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने और सुधारात्मक कदम तत्काल उठाने की आवश्यकता है ताकि जिले की रैंकिंग सुधारी जा सके।
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