सहयोगी दलों को कमजोर करना भाजपा की पुरानी रणनीति का हिस्सा : प्रियंका चतुर्वेदी

मुंबई । शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी दलों के प्रति नीति और भारत की विदेश नीति को लेकर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बिहार में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम भाजपा की पुरानी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें वह पहले सहयोगी दलों की शक्ति बढ़ाती है और फिर उन्हें कमजोर कर खत्म कर देती है। महाराष्ट्र में शिवसेना को सत्ता से हटाने के बाद संविधान की अनदेखी कर तोड़फोड़ की गई, जो 25 साल तक भाजपा की सहयोगी रही। यही तरीका उन्होंने रामविलास पासवान की पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के साथ भी अपनाया। भाजपा सहयोग नहीं, बल्कि वर्चस्व स्थापित करना चाहती है।

अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर सांसद ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के संबंध लंबे, गहरे और सहयोगपूर्ण रहे हैं। मुश्किल परिस्थितियों में भी भारत ने अफगानिस्तान की जनता की मदद की है, यहां तक कि उनकी क्रिकेट टीम को भी समर्थन दिया। लेकिन, तालिबान शासन के तहत महिलाओं पर लगाई गई पाबंदियां चिंताजनक हैं। यह सरकार देश को फिर से पिछड़ी सोच की ओर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र, संविधान और समानता के सिद्धांतों पर आधारित है, इसलिए यह विचार करना जरूरी है कि क्या ऐसे शासन के साथ स्थायी सहयोग संभव है, जहां महिला सशक्तीकरण की अनदेखी हो रही है।
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