मुजफ्फरनगर में एकीकृत बागवानी मिशन को मंजूरी, क्लस्टर खेती पर दिया गया जोर
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मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में हुई उद्यान विभाग की बैठक में एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को मंजूरी दी गई, जिसका सीधा लाभ जिले के किसानों को मिलेगा।

किन फसलों को मिली मंजूरी?
योजना में फसलों के नवीन उद्यान रोपण के लिए कई नई और लाभकारी फसलें शामिल की गई हैं:
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फल: स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, बेल, करौंदा, बेर, और लीची।
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मसाला क्षेत्र विस्तार: प्याज और लहसुन।
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अन्य: पुष्प क्षेत्र विस्तार, संकर शाकभाजी (हाइब्रिड सब्जियां), सुगंधित फसलें और जैविक खेती।
किसानों को तकनीकी सहायता
किसानों को खेती में आधुनिक तकनीक और सहायता देने के लिए भी कई कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है:
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तकनीक: घेराबंदी (Fencing), सब्जियों के लिए मचान, मल्चिंग, फ्रूट कवर।
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उपकरण: ट्रैक्टर, पॉवर नैपसेक स्प्रेयर और इको फ्रेंडली लाइट ट्रैप।
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अन्य: मौनपालन (मधुमक्खी पालन) और टॉप वर्किंग।
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प्रशिक्षण: 80 किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी अनुमोदन किया गया।
जिलाधिकारी के मुख्य निर्देश
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए:
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क्लस्टर बनाना: नवीन उद्यान रोपण कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित किसानों के क्लस्टर बनाए जाएँ। इससे किसानों को फसलों में होने वाली बीमारियों के निदान, उपज को बाजार तक पहुंचाने और आपसी समन्वय स्थापित करने में सुविधा होगी।
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चयन का आधार: अन्य सभी कार्यक्रमों के लिए लाभार्थियों का चयन "पहले आओ-पहले पाओ" के आधार पर करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में सीडीओ कंडारकर कमल किशोर देशभुषण, जिला विकास अधिकारी दिगविजय तिवारी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक प्रभात कुमार, प्रभागीय वन अधिकारी के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह, प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी अवनीश कुमार तथा जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार ने प्रतिभाग किया।
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