मुज़फ्फरनगर के एम.जे. हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा: मरीज को गलत बीमारी दिखाकर भर्ती, डीएम ने दिए जांच के निर्देश

मुज़फ्फरनगर। शाहपुर के एम.जे. इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जीवाड़े और पत्रकारों से अभद्र व्यवहार का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। बुधवार को यह मामला उजागर होने के बाद गुरुवार को जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ों लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचकर अस्पताल पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

शिकायत के अनुसार, गांव बवाना निवासी ओमपाल सिंह, जो पूर्व में मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल में कैंसर का इलाज करा चुके हैं, मंगलवार को एम.जे. हॉस्पिटल के मेडिकल कैंप में पहुँचे। उन्होंने अपनी समस्या बाएँ पैर में नसों का दर्द बताया।
पीड़ित के पुत्र मनोज पाल के मुताबिक, अस्पताल स्टाफ ने आयुष्मान कार्ड देखते ही ओमपाल सिंह को "इलाज" के नाम पर भर्ती कर लिया। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अस्पताल ने उन्हें नसों के दर्द के मरीज़ की जगह 'बुखार का मरीज़' दिखाया और कई ब्लड टेस्ट, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड करवा दिए।
मनोज पाल ने आरोप लगाया कि भर्ती के बावजूद मरीज को नसों के विशेषज्ञ डॉक्टर (Neurologist) की सलाह नहीं दी गई। जब परिवार ने डॉक्टर की मौजूदगी के बारे में पूछा, तो स्टाफ ने स्पष्ट कह दिया कि "हमारे यहां कोई नसों का डॉक्टर नहीं है", और परिवार को धमकी भी दी गई।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल आयुष्मान कार्ड के नाम पर फर्जी भर्ती दिखाकर और गलत बीमारी का हवाला देकर सरकारी धन हड़पने का प्रयास कर रहा है। मामले की जानकारी लेने पहुँचे पत्रकारों के साथ भी अस्पताल कर्मियों और कुछ बाहरी लोगों ने अभद्रता और गाली-गलौज की।
गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर भारी जनसमूह उमड़ा। लोगों ने मांग की कि ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, अन्यथा आयुष्मान योजना की विश्वसनीयता पर बट्टा लगेगा।
जिलाधिकारी ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) मुज़फ्फरनगर डॉ. सुनील तेवतिया को निर्देश दिया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तुरंत एक विशेष पैनल गठित किया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए।
सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि जाँच पैनल तुरंत काम शुरू करेगा और जल्द ही रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान शिवसेना जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा, अखिल भारतीय पाल महासभा के जिलाध्यक्ष रमेश चंद्र पाल समेत सैकड़ों ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे, जो अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे।