"मुजफ्फरनगर में करवा चौथ पर बाजारों में हलचल: लठ-फूल लेकर पहुंचे संगठन, दुकानों पर की चेकिंग"


मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में गुरुवार को करवा चौथ के पर्व से पूर्व बाजारों में उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब क्रांति सेना और शिवसेना के कार्यकर्ता हाथों में लठ (लाठी) और फूल लेकर सड़क पर उतर आए। इनका उद्देश्य यह चेक करना था कि हिंदू बहन-बेटियों के हाथों पर मेहंदी लगाने वालों में कहीं कोई गैर समुदाय का युवक तो शामिल नहीं है, जिसे वे 'मेहंदी जिहाद' बताते हैं।
दरअसल, बुधवार को क्रांति सेना महिला मोर्चा ने अपने कार्यालय पर लठ पूजन किया था और चेतावनी दी थी कि अगर करवा चौथ के मद्देनजर कोई भी 'जिहादी युवक' हिंदू बहन-बेटियों के हाथों पर मेहंदी लगाता पाया गया, तो उसे लाठियों से सबक सिखाया जाएगा।
इसी चेतावनी के चलते गुरुवार को क्रांति सेना और शिवसेना के कार्यकर्ता दुकान-दर-दुकान पहुँचे और निरीक्षण किया।
जिहादी युवक की तलाश: कार्यकर्ताओं को हालांकि कोई भी मुस्लिम युवक हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाता हुआ नहीं मिला।
बुर्का पहने युवतियाँ: निरीक्षण के दौरान कुछ बुर्का पहने मुस्लिम युवतियाँ हिंदू बहन-बेटियों के हाथों में मेहंदी लगाती हुई ज़रूर मिलीं।
मुस्लिम युवतियों को मेहंदी लगाते हुए देखकर कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोका और साफ शब्दों में कहा कि यह हिंदुओं का त्योहार है। क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने इन युवतियों को सलाह दी कि अगले साल से अगर मेहंदी लगानी है, तो वे हिंदू वस्त्र पहनकर ही यह काम करें।
शिवसेना जिला अध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने इस संबंध में कहा, "हमने कुछ बिटिया यहाँ बुर्के में देखी हैं। अबकी बार तो कोई बात नहीं, लेकिन अगले वर्ष वे हिंदुओं की जो ड्रेस है, उसी में मेहंदी लगाएँगी।" उन्होंने कहा कि त्योहार की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी है।
शिवसेना के कार्यकर्ता एक हाथ में लठ और दूसरे हाथ में फूल लेकर बाजार में भ्रमण कर रहे थे।
दुकानदारों का सम्मान: जहाँ उन्हें कोई मुस्लिम युवक मेहंदी लगाता नहीं मिला, वहाँ उन्होंने दुकानदारों को फूल भेंट कर उनका शुक्रिया अदा किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि दुकानदारों ने उनकी मुहिम में सहयोग किया और किसी भी 'जिहादी युवक' को दुकान पर नहीं रखा।
चेतावनी और कड़ा रुख: शिवसेना जिला अध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने स्पष्ट किया, "अगर कोई जिहादी हमारी बहन-बेटी के हाथ पर मेहंदी लगाता मिलता, तो उसका इलाज शिवसेना अपने स्टाइल से करती और फिर थाने में सौंप देती।" उन्होंने कहा कि यह पवित्र त्यौहार है और इसमें कोई गैर-समुदाय का व्यक्ति उनका हाथ न लगाए।
शिवसेना मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी ने तो यहाँ तक कह दिया कि जो मुस्लिम युवतियाँ हमारी बहन-बेटियों के हाथों में मेहंदी लगा रही हैं, अगर उन्हें सनातन धर्म अच्छा लगता है, तो उनका स्वागत है और वह सनातन धर्म अपना लें। उन्होंने कहा, "हमारा त्यौहार है, हमारे ही लोग मनाएँ।"
क्रांति सेना महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष पूनम चौधरी ने भी दोहराया कि उनका चेकिंग अभियान जारी रहेगा और गैर-समुदाय का कोई भी लड़का मिलता है तो लठों से उसका इलाज किया जाएगा।