मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील का लाइसेंस निलंबित, बार काउंसिल ने की कड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर सोमवार को अदालती कार्यवाही के दौरान जूता फेंकने की कोशिश करने वाले अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त कार्रवाई की है। काउंसिल ने उनका वकालत लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इस आदेश के तहत राकेश किशोर को अगली सूचना तक देशभर की किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण या कानूनी प्राधिकरण में वकालत करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। बार काउंसिल ने इस घटना को न केवल एक न्यायिक अधिकारी पर हमला बताया, बल्कि इसे भारत के संविधान पर सीधा हमला करार दिया है।
बार काउंसिल की ओर से अधिवक्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें उन्हें 15 दिनों के भीतर यह स्पष्टीकरण देना होगा कि उनका निलंबन क्यों न जारी रखा जाए और आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए।
दिल्ली बार काउंसिल को आदेशों के तत्काल क्रियान्वयन का निर्देश दिया गया है। इसमें वकील की स्थिति को आधिकारिक रजिस्टर में अद्यतन करना और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी अदालतों व न्यायाधिकरणों को इस निलंबन की सूचना देना शामिल है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर इस तरह का हमला न केवल व्यक्तिगत रूप से उन पर, बल्कि न्यायपालिका और संवैधानिक मूल्यों पर भी हमला है। परिषद ने कहा कि यह घटना देश के हर नागरिक और वकील के लिए शर्मनाक है और इस पर कठोर रुख अपनाना आवश्यक था।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने घटना के बाद अदालती कार्यवाही शांतिपूर्वक जारी रखने का निर्देश देते हुए स्वयं को अस्थिर न होने की बात कही थी। हालांकि, पूरे देश में इस घटना को लेकर गहरी चिंता और नाराजगी देखी जा रही है।