एनडीए से नाराजगी के संकेत ? रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर चिराग पासवान ने किया 2020 के अकेले चुनाव लड़ने का ज़िक्र

पटना/नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के हालिया बयानों ने एक बार फिर एनडीए (NDA) गठबंधन में सब कुछ ठीक न होने के संकेत दिए हैं। दरअसल, दिवंगत पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, चिराग पासवान ने साल 2020 में अकेले चुनाव लड़ने के अपने कठिन फ़ैसले का भावनात्मक ज़िक्र किया, लेकिन इस पूरे दौरान उन्होंने एक बार भी बीजेपी या एनडीए गठबंधन का नाम नहीं लिया।

चिराग पासवान ने क्या कहा?
पुण्यतिथि कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान, चिराग पासवान ने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान का सपना बिहार के उज्जवल भविष्य का था। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान लिए गए अपने फ़ैसले पर बात की, जब उन्होंने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने इस फ़ैसले को "पापा के सपने को पूरा करने" की दिशा में उठाया गया कदम बताया।
चिराग ने ज़ोर देकर कहा कि वह बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की अपनी नीति पर आज भी अडिग हैं। हालांकि, गठबंधन के सबसे बड़े सहयोगी दल बीजेपी और मौजूदा गठबंधन एनडीए का स्पष्ट रूप से नाम न लेना, राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
राजनीतिक गलियारों में अटकलें
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान का यह बयान समय और अवसर को साधने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
-
दबाव की राजनीति: यह बयान आगामी चुनावों में सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी और अन्य एनडीए सहयोगियों पर दबाव बनाने की कोशिश हो सकता है, खासकर तब जब उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाला गुट भी एनडीए का हिस्सा है।
-
वोटर को संकेत: 2020 में अकेले चुनाव लड़कर, चिराग ने खुद को नीतीश कुमार विरोधी और "बिहार फर्स्ट" के मसीहा के तौर पर पेश किया था। अब उस बात को दोहराना उनके उस वोट बैंक को एकजुट रखने का प्रयास हो सकता है, जो बीजेपी से जुड़ा है, लेकिन बिहार की स्थानीय राजनीति में स्वतंत्र पहचान चाहता है।
हालांकि, लोजपा (रामविलास) के नेताओं ने किसी भी तरह की नाराजगी से इनकार किया है और कहा है कि उनका बयान केवल स्वर्गीय रामविलास पासवान के सपनों को याद करने के लिए था। लेकिन चिराग पासवान का यह भावनात्मक लेकिन अप्रत्यक्ष बयान बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में और हलचल पैदा कर सकता है।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !