करवा चौथ पर प्यार और विश्वास का नया वादा

आज करवा चौथ है। इस पर्व का उद्देश्य गृहस्थ के भीतर पति-पत्नी में आपसी प्रेम में प्रगाढ़ता है। पति पत्नी को गृहस्थ की गाड़ी के दो पहिए की संज्ञा दी जाती हैँ गाड़ी का एक भी पहिया डगमगाया तो गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है। इसी प्रकार गृहस्थ की गाड़ी के दोनों पहियों में यदि सामंजस्य का अभाव हो जाये तो आपसी रिश्तों में दरार आ जाती है। फलस्वरूप गृहस्थ में अशान्ति का साम्राज्य स्थापित हो जाता है। करवा चौथ के पर्व पर एक-दूसरे से वायदा करें कि परिवार के सभी जरूरी फैसले एक-दूसरे को विश्वास में लेकर करेंगे। परिस्थितिवश कोई निर्णय किसी एक को लेना पड़ जाये तो एक-दूसरे को अवगत अवश्य करा देना चाहिए। बहुधा देखने में आता है कि छोटी-छोटी बातें झगड़ में बदल जाती है, जिसके कारण रिश्तों में दरार आ जाती है। कभी-कभी ऐसा भी हो जाता है कि छोटी सी बात पर आपस में कहासुनी के बाद पति पत्नी में बोल चाल बंद हो जाती है। कुछ समय तक ऐसा ही चलता है। दोनों में कोई भी छोटे बाप का बनने को तैयार नहीं होता। यह बहुत ही अशोभनीय व्यवहार है। संवादहीनता जितनी लम्बी चलेगी मन में दूरिया और कडुवाहट बढ़ते जायेंगे। इस करवा चौथ पर अपने साथी (पति-या पत्नी) से वायदा करें और शपथ लें कि कभी आपस में विवाद की स्थिति आ जाये फिर भी संवादहीनता नहीं होगी।