ग्रेटर नोएडा में तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से महिला समेत 3 की मौत
1.jpg)
नोएडा। उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ते खतरे ने एक बार फिर सबको चिंतित कर दिया है। तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में एक महिला समेत तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण ये हादसे हुए, जिनकी सूचना मिलते ही पुलिस ने पीड़ित परिवारों की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ये घटनाएं सड़क पर अनुशासनहीनता की कड़वी सच्चाई को उजागर करती हैं।
इसी क्रम में थाना जेवर के प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार सिंह ने एक अन्य हादसे का जिक्र किया। बुलंदशहर निवासी बबलू पुत्र चंद्रपाल ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि वह शाम को अपनी मोटरसाइकिल पर पत्नी को बैठाकर कहीं जा रहा था। जहांगीरपुर के इंडियन गैस एजेंसी के पास एक ट्रक चालक ने तेजी और लापरवाही से वाहन चलाते हुए उनकी बाइक को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में बबलू की पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे जेवर के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई। निरीक्षक ने बताया कि ट्रक चालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच चल रही है।
तीसरा हादसा थाना दनकौर क्षेत्र में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर हुआ, जहां एक महिला ने अपने बेटे की मौत की शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी निरीक्षक मुनेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नरोरा, बुलंदशहर निवासी प्रकाशु देवी पत्नी धर्मवीर ने शिकायत की कि उनका 17 वर्षीय बेटा विकास कुछ अन्य लोगों के साथ एक छोटे हाथी (टेम्पो) में सवार होकर एक्सप्रेसवे पर जा रहा था। तभी अज्ञात वाहन चालक ने तेज रफ्तार और लापरवाही बरतते हुए टेम्पो को टक्कर मार दी। इस हादसे में विकास की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि टेम्पो में सवार दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने अज्ञात चालक की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।
ये हादसे ग्रेटर नोएडा में बढ़ते यातायात दबाव और चालकों की लापरवाही को दर्शाते हैं। पीड़ित परिवारों में मातम पसर गया है और उन्होंने सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय लोग सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियानों की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों।