5 करोड़ कैश, 22 महंगी घड़ियां, मर्सिडीज और ऑडी कार, रिश्वत लेने में डीआईजी गिरफ्तार



8 लाख की रिश्वत बनी गिरफ्तारी की वजह
सीबीआई ने यह कार्रवाई मंडी गोबिंदगढ़ के कबाड़ी व्यापारी आकाश बत्ता की शिकायत पर की। बत्ता ने आरोप लगाया था कि डीआईजी भुल्लर उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहे थे और उनसे 8 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। इसके अलावा, हर महीने 'सेटलमेंट' के नाम पर रकम देने का दबाव बनाया जा रहा था।
शिकायत की जांच के बाद, सीबीआई ने जाल बिछाया और गुरुवार को बिचौलिए कृष्णा को चंडीगढ़ के सेक्टर-21 में 8 लाख रुपये रंगे हाथों लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने शिकायतकर्ता और डीआईजी के बीच एक नियंत्रित फोन कॉल करवाई, जिसमें अधिकारी ने रकम मिलने की पुष्टि की। इसी सबूत के आधार पर सीबीआई ने मोहाली स्थित डीआईजी के कार्यालय से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
चंडीगढ़ के फाइव स्टार होटलों तक फैला नेटवर्क
सीबीआई की पूछताछ में बिचौलिए कृष्णा ने बड़ा खुलासा किया है। उसने कबूल किया है कि वह डीआईजी के कहने पर मोहाली, चंडीगढ़, पंचकूला, डेराबस्सी, जीरकपुर, पटियाला समेत अन्य कई जगहों पर "बड़े लोगों" से रकम पकड़ने जाता था। उसने बताया कि वह डीआईजी के लिए हर महीने 5 से 7 लाख रुपये या डेढ़ से दो महीने में यह रकम लाता था। कृष्णा ने यह भी बताया कि वह चंडीगढ़ के कई फाइव स्टार होटलों में भी डीआईजी के कहने पर लोगों के पास पैकेट और छोटे बैग लेने जाता था।
जांच में सामने आया है कि डीआईजी भुल्लर के दो और भरोसेमंद बिचौलिए हैं, जो उनके लिए पैसे पकड़ने और खुफिया दस्तावेज पहुंचाने का काम करते थे।
स्क्रैप कारोबारियों से संबंधों की जाँच
बिचौलिए कृष्णा के घर की तलाशी में 21 लाख रुपये बरामद हुए, जिसमें से उसने केवल 70 हजार रुपये अपना बताया है। सीबीआई अब इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह रिश्वतखोरी का नेटवर्क पंजाब और चंडीगढ़ के बड़े स्क्रैप कारोबारियों को अवैध कामों में संरक्षण देने की आड़ में तो नहीं चल रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मंडी गोबिंदगढ़, लुधियाना और पटियाला के कई स्क्रैप डीलरों से जुड़े इस खेल की जड़ें गहराई तक हो सकती हैं।
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