यूपी के पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से होगी 10 करोड़ की वसूली, डिप्टी सीएम के निर्देश पर नोटिस जारी
सैटेलाइट सर्वे वाली चार फर्मों को भुगतान पर विवाद; पूर्व आईएएस अधिकारी ने बताया 'आधारहीन



खाद्य प्रसंस्करण विभाग का दायित्व संभाल रहे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गाइडलाइन के विपरीत किए गए इस भुगतान को गंभीरता से लिया। डिप्टी सीएम के निर्देश पर, उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा ने यूपीडास्प (उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना) के प्रबंध वित्त व तकनीकी समन्वयक शैलेन्द्र प्रताप सिंह को पूर्व अधिकारी से यह राशि वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराने के लिए कहा है।
इसी आधार पर पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को नोटिस भेजा गया है, जिसमें अनियमितता बरते जाने के कारण दस दिनों के भीतर 10 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करने को कहा गया है।
क्या है अनियमितता का मामला?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने और फसलों के सही आंकड़ें एकत्र करने के लिए इस नीति का शुभारंभ किया था। नीति के क्रियान्वयन के लिए यूपीडास्प को ₹10 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, यूपीडास्प ने इस धन का उपयोग राज्य में फसलों के सैटेलाइट सर्वेक्षण के लिए चार निजी कंपनियों के चयन और भुगतान के लिए किया। इन कंपनियों को 18 से 20 जिले सौंपे गए थे, जिन्होंने सर्वेक्षण कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी। आरोप है कि यह सर्वेक्षण कार्य और भुगतान नीति के लिए तय किए गए दिशा-निर्देशों को किनारे कर किया गया था। यह मामला केवल वित्तीय नहीं, बल्कि नीति-पारदर्शिता और सार्वजनिक धन उपयोग की जवाबदेही से जुड़ा है।
पूर्व अधिकारी ने नोटिस को बताया 'आधारहीन'
इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने भेजे गए नोटिस को 'आधारहीन' बताया है। उन्होंने कहा कि जिस अवधि को लेकर यह नोटिस भेजा गया है, उस समय वह कृषि उत्पादन आयुक्त के रूप में यूपीडास्प के अध्यक्ष थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उसी अवधि में दो और अधिकारी भी अलग-अलग समय पर अध्यक्ष रहे थे। उनका दावा है कि नीति के क्रियान्वयन से जुड़े निर्णय सामूहिक स्तर पर लिए गए थे, इसलिए यह वसूली उनके खिलाफ व्यक्तिगत कार्रवाई जैसी प्रतीत होती है।
सूत्रों के अनुसार, उच्च शासकीय फाइलों की प्राथमिक समीक्षा जारी है और फाइनेंशिल/प्रोसीजरल ऑडिट का दायरा विस्तृत किया जा रहा है।
संबंधित खबरें
लेखक के बारे में

रॉयल बुलेटिन उत्तर भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक है, जो पाठकों तक स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय खबरें तेज़, सटीक और निष्पक्ष रूप में पहुँचाता है, हिंदी पत्रकारिता का एक भरोसेमंद मंच !