25 साल में आर्थिक उड़ान: उत्तराखंड का बजट 22 गुना और अर्थव्यवस्था 25 गुना, अब लक्ष्य 5.5 लाख करोड़ की ऊंचाई
Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। आय के नए स्रोतों पर फोकस से विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता बढ़ी है। 25 साल की यात्रा में राज्य ने आर्थिक मोर्चे पर बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड की कुल अर्थव्यवस्था अब अपनी स्थापना काल की तुलना में लगभग 25 गुना तक पहुंचने वाली है। आम जनता की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है और राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 17 गुना से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।
तेजी से बढ़ते राजस्व संसाधन ने बदली तस्वीर
पर्यटन और सेवा क्षेत्र बने आर्थिक विकास की रीढ़
राज्य का आर्थिक आकार वर्ष 2000 में 14,501 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में बढ़कर 3,32,990 करोड़ रुपये पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह 3.78 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। सेवा क्षेत्र और पर्यटन उद्योग का इसमें बड़ा योगदान है। सेकेंडरी सेक्टर का योगदान 46 प्रतिशत तथा सर्विस सेक्टर का योगदान 43 प्रतिशत से अधिक है, जबकि प्राइमरी सेक्टर की भागीदारी नौ प्रतिशत से कुछ अधिक है। इन क्षेत्रों की निरंतर वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रही है।
प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना से अधिक वृद्धि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 में राज्य की अर्थव्यवस्था को पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा था। यही कारण है कि वर्ष 2027-28 तक अर्थव्यवस्था का आकार 5.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय 15,285 रुपये थी, जो 2024-25 में बढ़कर 2,74,064 रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, यानी लगभग 18 गुना वृद्धि।
बजट आकार में रिकॉर्ड 22 गुना बढ़ोतरी
वर्ष 2000 में उत्तराखंड का कुल बजट केवल 4,500 करोड़ रुपये था। जबकि वर्ष 2025-26 में यह बढ़कर 1,01,175.33 करोड़ रुपये हो गया है। बजट के बढ़ते आकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, बुनियादी ढांचा और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में तेजी से निवेश की संभावनाएँ बढ़ाई हैं। कर संग्रह की मजबूती ने भी बजट विस्तार में अहम भूमिका निभाई है।
शासन की अगली परीक्षा शुरू
हालांकि आर्थिक प्रगति के बावजूद राज्य के सामने कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। बजट आकार की तुलना में खर्च कम होना, विभागों को बजट आवंटन में विलंब, खर्च की निरंतर मॉनिटरिंग, प्राइमरी सेक्टर की कम हिस्सेदारी और दूरस्थ क्षेत्रों का धीमा विकास ऐसे मुद्दे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। सरकार इन चुनौतियों का समाधान ढूंढने में जुटी है ताकि विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंच सके।
मुख्यमंत्री धामी का विजन: समावेशी विकास ही असली लक्ष्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं। आय संसाधन बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे विकास कार्यों के लिए धन की उपलब्धता बढ़ी है। सरकार का उद्देश्य है कि आर्थिक प्रगति हर क्षेत्र और हर व्यक्ति तक पहुंचे और समावेशी विकास के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
