धर्मांतरण 302 जैसा अपराध हो, लव जिहाद पर हो कड़ी कार्रवाई- महामंडलेश्वर प्रबोधनानंद गिरि
मुजफ्फरनगर। महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनानंद गिरि महाराज ने बुधवार को मुजफ्फरनगर पहुंचने पर चुनाव आयोग के एसआईआर के निर्णय, धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने एसआईआर के फैसले को देश हित में बताते हुए धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ कठोरतम कानून बनाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अगर यह एसआईआर 10-15 साल पहले लागू किया जाता, तो देश की सुरक्षा करना आसान होता। उन्होंने तर्क दिया कि देश की वर्तमान कानून व्यवस्था के कारण देशद्रोही और विदेशी आतंकवादी भी यहां आकर वोटर बन जाते हैं, जो चुनावों को प्रभावित करते हैं और देश को राष्ट्रीय द्रोहिता की तरफ ले जाते हैं।
स्वामी प्रबोधनानंद गिरि ने चुनाव आयोग से अपील की कि एसआईआर को पूरे देश में कड़ाई के साथ पालन कराया जाए। उनका कहना था कि एक व्यक्ति एक वोटर हो, और वह व्यक्ति केवल हिंदुस्तान का ही नागरिक हो।
धर्मांतरण के सवाल पर उन्होंने इसे देश के लिए संगीन मामला बताया। उन्होंने कहा कि "जब धर्मांतरण होता है, तो राजतांत्रण होता है," जिसका अर्थ है राष्ट्र के खिलाफ लोगों को तैयार करने का काम होता है।
उनका आरोप है कि धर्मांतरण बड़ी मात्रा में ईसाई और इस्लाम धर्म के द्वारा किया जाता है, जो भारत में पूरी तरह अवैध है। उन्होंने सरकार से कड़ाई के साथ इसे रोकने की मांग की।
"धर्मांतरण को 302 जैसा अपराध मानना चाहिए। अगर कोई धर्मांतरण कराता है और कराते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे आजीवन कारावास या मृत्यु दंड जैसी सजा देनी चाहिए, तभी भारत में धर्मांतरण रुक सकता है।"
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर धर्मांतरण नहीं रुका, तो राजतांत्रण होगा और देश का बचा हुआ भाग भी पाकिस्तान की तरफ जा सकता है।
महामंडलेश्वर ने लव जिहाद को धर्मांतरण का एक छोटा रूप और उसी का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि लव जिहाद में इस्लाम का लड़का हिंदू लड़की को प्रेम के जाल में फंसाता है, उससे निकाह करता है, बच्चा पैदा होने के बाद उसे अपना असली जिहादी रूप दिखाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब लड़की इस्लाम कबूल नहीं करती, तो उसकी हत्या कर दी जाती है, जिसके बाद कहीं 65, कहीं 35, तो कहीं 50 टुकड़े मिलते हैं, या शव सूटकेस या बोरी में पड़ा मिलता है।
उन्होंने मांग की कि लव जिहाद के खिलाफ भी कानून में प्रावधान लाए जाएं और इसे भी हत्या (302) जैसा अपराध माना जाए। "लव जिहाद की भावनाओं को ठेस पहुँचाना भी हत्या ही है, और बाद में हत्या हो ही जाती है। इसीलिए जो भी लव जिहाद का प्रयास करते पकड़ा जाए, उसे कड़ी सजा दी जाए।"
