नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि दुनिया आज कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जो लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही हैं और विकासशील देश इसका विशेष शिकार रहे हैं। उन्हों ने सोमवार शाम नामीबिया के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री नेटुम्बो नंदी नदितवाह के साथ विंडहोक में पहली भारत-नामीबिया संयुक्त आयोग की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, आज जब हम मिल रहे हैं, हम दुनिया से अनजान नहीं हो सकते हैं, उन चुनौतियों से अनजान नहीं हो सकते, जिनका सामना कर रहे हैं और वे हमारे लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। विकासशील देश इसका विशेष शिकार रहे हैं।
जयशंकर ने कहा, जलवायु परिवर्तन की पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक लागतों के अलावा, उच्च ब्याज दरों, तनावपूर्ण भू-राजनीतिक स्थितियों के साथ ऋण संकट के साथ संयुक्त महामारी के बाद उत्पन्न स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, तो निश्चित रूप से यह समय है, हमारे जैसे देशों के लिए एक साथ काम करने का, एक साथ सोचने का, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सहयोग करने का। लेकिन यह एक मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी बनाकर सबसे अच्छा किया जाता है।
विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि संयुक्त आयोग विचारों, नवाचारों, कौशल और प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच बन जाएगा और हम फार्मास्यूटिकल्स और स्वास्थ्य, हरित और स्वच्छ ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में देखेंगे, क्योंकि हम भी डिजिटल युग में तेजी से हरित हाइड्रोजन में शामिल हो रहे हैं।
जयशंकर ने कहा, आज एक अनूठा और महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि संयुक्त आयोग, जो हमारे संबंधों को आगे बढ़ाएगा, जो स्पष्ट रूप से हमारे द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा और मूल्यांकन करेगा, नए के साथ आएगा। निश्चित रूप से आने वाले समय में हमारी साझेदारी को बेहतर ढंग से नेविगेट करने में हमारी मदद करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि भारत-नामीबिया संबंध हमारे विकासात्मक सहयोग, हमारे क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और हमारी राजनीतिक एकजुटता में बने हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम एक साथ आगे बढ़ें, विकसित हों और समृद्ध हों।