नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में अध्यक्ष पद पर डीके शर्मा, सचिव पद पर विकास गोयल और कोषाध्यक्ष पद पर रेणु मलिक ने जीत हासिल की। देर रात चुनाव के नतीजे सामने आए।
तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर यजुवेंद्र चौधरी ने जीत दर्ज की है। इसी तरह अपर सचिव पद पर साहिल पुरी, संयुक्त सचिव पद पर अजय दहिया, सीनियर मेंबर लेडी एग्जीक्यूटिव के पद पर कुसुम लता, सीनियर मेंबर एग्जीक्यूटिव मेल पद पर योगेंद्र कुमार, मेंबर एग्जीक्यूटिव फीमेल (10 से 20 साल) के पद पर वाणी सिंघल, मेंबर एग्जीक्यूटिव मेल (10 से 20 साल) के पद पर अमित राघव, मेंबर एग्जीक्यूटिव फीमेल (10 साल तक) के पद पर अनिता सिकदर, मेंबर एग्जीक्यूटिवमेल (10 साल तक) के दो पदों पर हिमांशु खारी और दीपक शर्मा ने जीत हासिल की है।
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उल्लेखनीय है कि तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव समेत दिल्ली के चार बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। अभी हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेंट्रल दिल्ली कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम लंबित हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट में बार एसोसिएशन के चुनाव परिणाम के मुताबिक अध्यक्ष पद पर नागेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष पद पर नवनीत पंवार, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट पर विमल वर्मा, सेक्रेटरी पद पर तरुण राणा, एडिशनल सेक्रेटरी पद पर नवीन कपिला, ज्वायंट सेक्रेटरी पद पर अंकुर त्यागी और कोषाध्यक्ष पद पर आस्था गुप्ता ने जीत दर्ज की है।
द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में अवनीश राणा ने अध्यक्ष, विवेक डागर ने उपाध्यक्ष, करमवीर त्यागी ने सेक्रेटरी, हेमंत वर्मा ने एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर जीत दर्ज की है। वहीं, रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में राजीव तेहलान ने अध्यक्ष, मूलचंद वर्मा ने उपाध्यक्ष, प्रदीप खत्री ने सेक्रेटरी, विवेक शौकीन ने एडिशनल सेक्रेटरी, प्रवीण डबास ने ज्वायंट सेक्रेटरी, आशा ज्योति आर्या ने कोषाध्यक्ष के पद पर चुनाव जीत दर्ज की है।
दिल्ली की अदालतों में बार एसोसिएशन चुनाव में इस बार भारी अव्यवस्था देखने को मिली। चुनाव के दौरान दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाई गई। दिल्ली के दो कोर्ट में 21 मार्च को हुए चुनाव निरस्त भी कर दिए गए। साकेत कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट में चुनाव निरस्त कर दिए गए। साकेत कोर्ट में चुनाव के दौरान वकीलों ने निर्वाची अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए बैलट बॉक्स तोड़ दिया जिसके बाद चुनाव निरस्त कर दिया गया। यही हाल कड़कड़डूमा कोर्ट का भी रहा। वहां भी निर्वाची अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगने के बाद कुछ वकील ईवीएम लेकर भागे। उसके बाद चुनाव निरस्त कर दिया गया।