विवेक ओबेरॉय को अपने पिता से जुड़ी एक बात से लगता था डर, पिता सुरेश ओबेरॉय के बर्थडे पर खोला राज
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय और उनके पिता सुरेश ओबेरॉय का रिश्ता बहुत खास है, क्योंकि उन्होंने हमेशा कहा है कि वे अपने पिता को गुरु और मार्गदर्शक मानते हैं।
जूता भरने से मतलब, अपने पिता की तरह जिम्मेदारी को निभाने से है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "फिल्म इंडस्ट्री ने मुझे कभी डराया नहीं, लेकिन जिस बात ने मेरी नींद उड़ा दी थी, वो थे वो जूते जिन्हें मुझे भरना था। सुरेश ओबेरॉय वो स्टाइलिश, चार्मिंग एक्टर जिनके डायलॉग गूंजते थे और जिनके रोल में इतनी जबरदस्त पावर थी, मैं बहुत ज्यादा नर्वस था!" अपने पिता को लेकर उन्होंने आगे लिखा, "आपके जन्मदिन पर, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि भले ही मैं सबको कहता हूं कि मैं अपनी मां का लाडला हूं, मुझे उम्मीद है कि आप जानते हैं कि मैं अपने पापा की परछाई हूं। मैंने जो कुछ भी सीखा, आपसे सीखा।
मैं जो कुछ भी हूं, आपकी वजह से हूं।" किसी भी बेटे के लिए अपने पिता के जूतों में फिट होना या यूं कहें कि जिम्मेदारी उठाना गर्व की बात होती है। आज विवेक भले ही फिल्म पर्दे से दूर हैं, लेकिन बिजनेस के मामले में आगे हैं। उन्होंने कम उम्र से बिजनेस शुरू किया और उसमें सफल भी रहे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अपने पिता की बदौलत ही वे 1200 करोड़ का बिजनेस संभाल रहे हैं। उन्होंने इसी साल 1200 करोड़ के मालिक होने के सवाल पर जवाब दिया था कि क्या फर्क पड़ता है, भगवान ने इतना दिया है, आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी। बता दें कि अभिनेता रोडसाइड सेफ्टी सर्विस, डायमंड ज्वेलरी, फिनटेक, एडटेक और इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसल्टिंग जैसे बिजनेस में शामिल हैं।
