Friday, May 9, 2025

संविधान का अपमान कर रहा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा गांधी परिवार – केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गांधी परिवार पर करारा हमला बोला है। उप मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर एक-एक कर कई पोस्ट किया। गांधी परिवार पर हमला बाेले। केशव प्रसाद माैर्य ने लिखा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा गांधी परिवार संविधान का अपमान कर रहा है।

यूपी में चार डीएम कार्यालयों को बम से उड़ाने की मिली धमकी, छानबीन में नहीं मिला काेई विस्फोटक

 

लोकतंत्र में संविधान और क़ानून से बड़ा कोई नहीं। विडंबना यह है कि परिवारवादी राजनीति की चाशनी में पले-बढ़े नेता खुद को देश और संविधान-कानून से बड़ा समझने का अहंकार पाल लेते हैं। आज की तारीख़ में गांधी परिवार इसकी जीती-जागती मिसाल है। इस मामले में उनका अहंकार शिखर पर है।

यूपी में बीजेपी की फायर ब्रांड नेत्री ऋचा राजपूत को नहीं मिला सरकारी अस्पताल में ईलाज, ट्वीट कर दिया तो मच गया हंगामा !

 

केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा कि नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार के दो अहम सदस्य सोनिया गांधी और उनका बेटा राहुल गांधी ज़मानत पर हैं। यानी अदालत ने उनको ज़मानत दी है। अब अगर अदालत की कार्यवाही पर सवाल उठाया जाता है तो यह क़ानून के राज का सीधा अपमान है। संविधान की लाल किताब जिसे राहुल गांधी अपने कपार में रखकर देश भर में घूमते हैं, उसी के मुताबिक़ उन पर कार्रवाई की जा रही है। जैसा कि संवैधानिक एजेंसी ईडी ने मां-बेटा दोनों को लेकर चार्जशीट फाइल की है।

 

शाहनवाज राणा पर बेटे समेत लगी गैंगस्टर, समधी पूर्व विधायक मौहम्मद गाजी भी फंसे, पुलिस ने किया नोटिस जारी

 

अगर दोनों इससे संतुष्ट नहीं हैं तो वे अदालत की चौखट पर जा सकते हैं। लेकिन जांच को बदले की राजनीति कहना सरासर संविधान और कानून का अपमान है। समस्या यह भी है कि ऐसे मामले में सभी परिवारवादी पार्टियों का सुर एक हो जाता है जो लोकतंत्र का अपमान है। यह जगज़ाहिर है कि गांधी परिवार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है। बाक़ी परिवारवादी राजनीति करने वाले भी उससे अछूते नहीं रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का मतलब ही है कानून का राज जिसमें किसी भी भ्रष्टाचारी को बख़्शा नहीं जाता है।

 

 

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कभी देश के ‘भद्रलोक’ कहे जाने वाले पश्चिम बंगाल का हिंदू दो पाटों के बीच पिस रहा है। उसके एक ओर है मुस्लिम कट्टरपंथ व बांग्लादेशी घुसपैठ की चुनौती और दूसरी ओर ममता दीदी की निरंकुश सत्ता जो क़तई हिंदू विरोधी है। पहले वामपंथियों ने वोट-बैंक के लिए तुष्टिकरण का खेल खेला और घुसपैठियों का रिश्तेदार की तरह स्वागत किया। अब उससे भी एक क़दम आगे दीदी उस तुष्टिकरण को चरम पर ले गई हैं। इस वोट-बैंक की राजनीति ने केवल सामाजिक समीकरण ही नहीं बिगाड़े, बल्कि बंगाल के ‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ को भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। दीदी के संरक्षण में हुए इस ‘अति-त्वरित जनसंख्या परिवर्तन’ ने राज्य के संसाधनों, सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को जर्जर बना दिया है।

 

हालात यह हैं कि एक समय में ‘संतों और प्रखर राष्ट्रवादियों की भूमि’ रही बंगाल पिछले कई दशकों से सांस्कृतिक समरसता के लिए नहीं, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा के लिए सुर्ख़ियों में रहती है। सीमापार से अवैध घुसपैठ और कट्टरपंथियों को मिला खुला राजनीतिक संरक्षण यही दो कारक पश्चिम बंगाल को अंदर से खोखला कर रहे हैं। कांग्रेस को लगातार 50 से अधिक चुनाव हरवाकर उसे बेदम करने के बाद अब उसमें जान फूंकने के लिए राहुल गांधी बेताब हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय