नेपाल में प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालते ही सुशीला कार्की का फैसला, जान गंवाने वाले युवाओं को शहीद का दर्जा, परिजनों को 10-10 लाख की मदद

काठमांडु। नेपाल में 8 सितंबर को सत्ता परिवर्तन के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए युवाओं को नेपाल की अंतरिम सरकार ने शहीद का दर्जा देने का निर्णय किया है। इनके परिजनों को दस-दस लाख रुपए की मदद की भी घोषणा की गई है।
सिंहदरबार में आज अपना कार्यभार संभालते हुए देश की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान कहा कि उन्होंने अपने पहले फैसले पर हस्ताक्षर किया है, जिसमें प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए छात्रों को शहीद का दर्जा देने का निर्णय किया गया है।
कार्की ने बताया कि इस प्रदर्शन के दौरान मारे गए सभी युवाओं के परिजनों को दस-दस लाख रुपए की आर्थिक मदद का फैसला किया गया है। साथ ही सभी घायलों के इलाज का संपूर्ण खर्च नेपाल सरकार के द्वारा करने का भी निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मौत हो गई उनके शव को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था सरकार के तरफ से की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नेपाल में बड़ी संख्या में युवा तत्कालीन ओली सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए जब सरकार ने 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध की घोषणा की। सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में जेन-जी के बैनर तले हजारों युवाओं ने राजधानी काठमांडू और विभिन्न शहरों में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की गोली से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन सौ से अधिक घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर स्कूल और कॉलेज के छात्र थे। दुनिया भर में गोलीकांड की तीखी निंदा हुई।उत्तेजित छात्रों ने पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन कर राजनीतिक दलों के आला नेताओं, मंत्रियों और उनके आवास को निशाना बनाया।जिसके बाद ओली सरकार को आखिरकार जाना पड़ा।