Sunday, November 24, 2024

तीन दशक से सियासत में हैं मिथलेश पाल, अब तक 13 चुनाव लड चुकी हैं, रालोद ने सात बार बनाया प्रत्याशी

मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में शानदार जीत हासिल करने वाली नवनिर्वाचित विधायक मिथलेश पाल राजनीति की मंझी हुई खिलाड़ी हैं और तीस साल के राजनीतिक कैरियर में 13 चुनाव लड चुकी हैं, जिसमें से सात चुनाव रालोद के सिंबल पर लड चुकी हैं।

मुजफ्फरनगर में पालिका चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप के बेटे गिरफ्तार, सिद्धबली स्टील पर भी लगा छापा

मीरापुर उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने 30796 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय सीएम योगी और जयंत चौधरी को दिया है। मिथलेश पाल तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। मीरापुर उपचुनाव में विजयश्री हासिल करने वाली मिथलेश पाल पिछले तीन दशक से जिले की राजनीति में सक्रिय हैं।

मीरापुर से मिथिलेश पाल 30426 वोट से जीतीं,सुम्बुल राणा को हराया,यहा देखें किसको कितने वोट मिले

जिला पंचायत सदस्य, अध्यक्ष और विधानसभा के मिलाकर अब तक 13 चुनाव लड़ चुकी हैं। पहले मोरना और अब मीरापुर के उपचुनाव में जीत दर्ज कर दूसरी बार विधायक बनने में कामयाबी हासिल की। वर्ष 1993 में मिथलेश पाल बसपा की राजनीति में सक्रिय हुई। जिला पंचायत के वार्ड 5 से साल 1995 और 2000 में वार्ड छह से सदस्य चुनी गई थी। इसी साल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा, लेकिन करीबी मुकाबले में हार गई।

शामली में रंगीले बीजेपी नेता की वीडियो वायरल प्रकरण में आया नया मोड़,सभासदों ने की सीबीआई जांच करवाने की मांग

साल 2009 में मिथलेश की किस्मत का पासा पलटा। बसपा के टिकट पर सदर विधानसभा सीट से वर्ष 1996 में पहला और 2002 में दूसरा चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहीं। इसके बाद उन्होंने बसपा छोड़कर रालोद से राजनीति की नई पारी की शुरुआत की। रालोद के टिकट पर पहले पालिका का चुनाव लड़ा, फिर सदर सीट से ही वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में उतरी, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

प्रधानमंत्री मोदी राम की तरह काम करते हैं, इसलिए मैं हनुमान बन गया हूं : श्रवण साह

मोरना के रालोद विधायक कादिर राणा बसपा में शामिल हुए और मुजफ्फरनगर से 2009 में सांसद चुन लिए गए। यहीं से मिथलेश पाल का सियासी भाग्य पलटा। पहली बार सदर सीट छोड़कर मोरना के उपचुनाव में उतरीं और तत्कालीन सांसद कादिर राणा के भाई नूरसलीम राना को हराकर विधानसभा पहुंची थीं।

दैनिक राशिफल….. 24 नवम्बर, 2024, रविवार

परिसीमन के बाद मोरना से सीट मीरापुर बन गई। रालोद के टिकट पर मीरापुर से 2012 और 2017 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। सपा सरकार में मंत्री रहे चितरंजन स्वरूप के निधन के बाद 2016 में सदर सीट के उपचुनाव में भी मिथलेश पाल को वर्तमान राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

गोविंदपुरी में दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल की चाकू घोंपकर हत्या, एक गिरफ्तार

साल 2017 में मिथलेश पाल सपा में शामिल हुई। सपा ने उन्हें शहर पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ाया, लेकिन जीत नहीं मिली। वर्ष 2022 के चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन से टिकट नहीं मिला। फरवरी 2022 में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। मीरापुर विधायक मिथलेश पाल ने बसपा से राजनीति शुरु की। रालोद में सबसे ज्यादा चुनाव लड़े। सपा में शामिल हो गई, लेकिन 2022 में टिकट नहीं मिला। इसके बाद भाजपा में शामिल हुई।

महाराष्ट्र चुनाव में पति फहाद को मिली हार से तिलमिलाईं स्वरा भास्कर, ईवीएम पर निकाली भड़ास

लोकसभा के चुनाव में भाजपा-रालोद गठबंधन हुआ। मीरापुर के उपचुनाव में टिकट मिलने के बाद भाजपा से वह रालोद में शामिल हो गईं। मीरापुर विधायक मिथलेश पाल ने पिछले 17 साल में रालोद के टिकट पर अब तक सात चुनाव लड़े हैं। इस बार वह भाजपा में थी, लेकिन उपचुनाव रालोद के सिंबल पर ही लड़ा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय