गाजियाबाद। ज्योग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे के बाद एक लाख नए भवनों को गृहकर के दायरे में लाया गया है। इन भवनों को पहली बार गृहकर का नोटिस भेजा जाएगा। इससे निगम की आय में बढ़ोतरी होगी। इन भवनों के भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा हो चुका है। चालू वित्तीय वर्ष में ही सबको बिल भेजा जाएगा।
इसके बाद इनसे कर वसूली की जाएगी। जीआईएस सर्वे के माध्यम से ऐसे आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक भवनों को चिह्नित किया जा रहा है, जो नए बने हैं या फिर भवनों के स्ट्रक्चर में 25 से 100 फीसदी तक बदलाव करके विस्तार किया गया है। निगम के अधिकारियों के अनुसार लंबे समय से कोई पैमाइश या सर्वे नहीं कराया गया था, जबकि इस अंतराल में बड़े स्तर पर नए भवनों का निर्माण हुआ और पुराने भवनों में बदलाव भी हुआ है।
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ऐसे भवनों के सर्वे के लिए चार साल पहले शासन की ओर से जीआईएस सर्वे के लिए निजी एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके भौतिक सत्यापन का कार्य पांचों जोन में चल रहा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डाॅ. संजीव सिन्हा ने बताया कि जीआईएस सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। पांचों जोन में सत्यापन का कार्य कराया जा रहा है।