Saturday, May 10, 2025

दिल्ली में पुलिस ने शातिर चोर को पकड़ा, देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद

नई दिल्ली। दिल्ली में दक्षिण-पश्चिम जिले की किशनगढ़ थाना पुलिस और एंटी बर्गलरी सेल (एबीसी) की संयुक्त टीम ने एक शातिर चोर को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से एक देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं। आरोपी की पहचान शिराज अली शेख उर्फ हाफिजुल शेख (35) के रूप में हुई है। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के चावलखुला नोदाखाली गांव का रहने वाला है और वर्तमान में दिल्ली के पहाड़गंज स्थित काका होटल में रह रहा था। उसके खिलाफ पहले से 41 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें चोरी, डकैती और नारकोटिक्स से जुड़े मामले शामिल हैं।

 

 

 

पुलिस के मुताबिक, किशनगढ़ थाना क्षेत्र में चोरी और सेंधमारी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम में किशनगढ़ थाने के सब-इंस्पेक्टर धर्मेंद्र, हेड कांस्टेबल सुशील, कांस्टेबल पवन और एबीसी सेल के हेड कांस्टेबल अजय, हेड कांस्टेबल सुनील और कांस्टेबल अंशुल शामिल थे। टीम का नेतृत्व किशनगढ़ थाने के इंस्पेक्टर श्रीनिवास ने किया, जबकि एसीपी सफदरजंग एन्क्लेव रणबीर सिंह की देखरेख में ऑपरेशन चलाया गया। टीम का मकसद क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों और हथियारबंद बदमाशों पर नजर रखना और उनकी धरपकड़ करना था। गत 18 मार्च की रात करीब 9:28 बजे, संयुक्त टीम कटवरिया बीट इलाके में गश्त कर रही थी।

 

 

संजय वन के पास बाबा बालकनाथ मंदिर के आसपास दो संदिग्ध व्यक्तियों को झाड़ियों के पास कुछ संदिग्ध गतिविधि करते देखा गया। पुलिस को देखते ही दोनों भागने लगे। अंधेरे का फायदा उठाकर एक संदिग्ध भागने में कामयाब रहा, लेकिन टीम ने तुरंत पीछा कर शिराज को पकड़ लिया। उसके पास से देसी पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में उसने हथियार के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके बाद थाना किशनगढ़ में संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया। शिराज ने स्वीकार किया कि वह आदतन अपराधी है और पहले भी कई अपराध कर चुका है।

 

 

 

अपने साथी कालू (जो मौके से फरार हो गया) के साथ मिलकर वह कई चोरियों और लूट की वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसने खुलासा किया कि वह दिसंबर 2024 में जेल से छूटा था और तब से पहाड़गंज के काका होटल में 2000 रुपये रोजाना के किराए पर रह रहा था। वह पिस्तौल दिखाकर चोरी और लूट वारदातें करके ऐशोआराम करता था। वह अपने साथियों के साथ सुनसान इलाकों में ऐसे घरों को निशाना बनाता था जो बंद हों या जिनमें कम लोग हों। चोरी करने के बाद वह भीड़ में गायब हो जाता था।

 

 

 

 

अपराध करने के बाद वह हथियार को संजय वन की झाड़ियों में छिपा देता था और फिर पश्चिम बंगाल चला जाता था। उसने इसी तरीके से कई चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम दिया है। उसके साथी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार, शिराज के आपराधिक रिकॉर्ड में चोरी, घरों में सेंधमारी और नशीले पदार्थों से जुड़े मामले शामिल हैं। फरार साथी कालू की तलाश के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है।

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