सहारनपुर। यात्री गाड़ी पलटने की बड़ी साजिश के मामले में शामिल खुराफातियों की गिरफ्तारी को जीआरपी और आरपीएफ की टीमे सक्रिय हो गई हैं। एसपी जीआरपी आशुतोष शुक्ल ने यह जानकारी दी।
मुज़फ्फरनगर के पलड़ी गांव में पाल समाज के घरों पर दलितों ने किया हमला, सैंकड़ों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
ध्यान रहे 31 दिसंबर की रात करीब एक बजे सहारनपुर के टपरी रेलवे फाटक के पास पटरी पर लोहे का पुराना गेट मिलने की सूचना पर रेलवे विभाग ने अफरा-तफरी मच गई थी। क्योंकि कुछ मिनट बाद ही उस ट्रेक से 14089 आनंद विहार कोटद्वार एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने वाली थी। यदि समय रहते इस साजिश का पता नहीं चल पाता तो बड़ा ट्रेन हादसा हो सकता था।
मुज़फ्फरनगर में कई अस्पतालों पर मारा छापा, मिली एक्सपायरी दवाइयां, कई अस्पताल किये गए सील
जिस जगह पटरियों पर अवरोध मिला वहां से हरिद्वार, देहरादून और दिल्ली एवं सहारनपुर को ट्रेने गुजरती हैं। सीओ जीआरपी स्वाति के मुताबिक कोटद्वार जाने वाली ट्रेन से ठीक पहले रेलवे के गेटमेन को पटरियों पर लोहे का गेट पड़ा दिखा। सूचना मिलते ही रेलवे के अफसरों ने ट्रेन नंबर 14089 को रास्ते में ही रूकवा दिया। जिस पर ट्रेन आधा घंटा रूकी रही। सहारनपुर से जीआरपी निरीक्षक संजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोहे के गेट को हटवाया।
जीआरपी थाने में रेलवे एक्ट की धाराओं में अज्ञात साजिशकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच एवं कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ट्रेक से मिला पुराना गेट का वजन 60 किलोग्राम के करीब था। जिसे रेल लाइन के दोनों ओर लगी रेलिंग के ऊपर से फेंका गया था। इस फाटक का कुछ हिस्सा रेलवे ट्रेक के ऊपर भी था।
प्रधानमंत्री मोदी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर पेश की चादर
इससे ट्रेन पलट सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस को अभी इस मामले में कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। जीआरपी पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। सीओ स्वाति ने कहा पिछले काफी दिनों से जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीमे रेलवे ट्रेक की निगरानी कर रही हैं और उनके आसपास रहने वाले लोगों को भी इसे प्रति जागरूक किया जा रहा है।