नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर उठाए गए सवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को तीन मई तक अपना स्पष्टीकरण देने का मंगलवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी द्वारा 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाले मुख्य दलील पर यह स्पष्टीकरण देने को कहा। श्री सिंघवी ने दलील देते हुए जीवन और स्वतंत्रता को बेहद महत्वपूर्ण बताया और गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया था।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 अभियोजन पक्ष पर काफी अधिक जिम्मेदारी डालती है। इसलिए आरोपी जमानत का विकल्प नहीं चुन रहा है, क्योंकि तब उसे अदालत को यह विश्वास दिलाना होगा कि वह दोषी नहीं है।
शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद श्री राजू से तीन मई तक अपना जवाब देने को कहा।
आम आदनी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल ने दिल्ली अबकारी नीति से संबंधित कथित धनशोधन घोटाले के एक मामले में ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष अपने लिखित प्रत्युत्तर में श्री केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अपनी गिरफ्तारी के तरीके और समय पर सवाल उठाया है।
उन्होंने तर्क दिया है कि उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र के सिद्धांतों, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, और संघवाद पर एक अभूतपूर्व हमला था।