नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे, बल्कि उनकी शख्सियत का एक अहम हिस्सा उनकी नीली पगड़ी भी थी। यह पगड़ी न केवल उनके स्वभाव और सौम्य व्यक्तित्व का प्रतीक थी, बल्कि उनके जीवन और करियर में भी एक विशेष महत्व रखती थी।
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मनमोहन सिंह ने एक बार कहा था कि नीला रंग उनका हमेशा से पसंदीदा रंग रहा है और यह उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा बन चुका था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने नीले रंग से गहरा जुड़ाव महसूस किया और यह रंग उनकी पहचान बन गया।
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मनमोहन सिंह की पगड़ी ने उनके सौम्य और गंभीर स्वभाव को भी दर्शाया। वह इसे अपनी पहचान का अहम हिस्सा मानते थे। उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं में यह पगड़ी एक निरंतरता के रूप में बनी रही। हालांकि, समय के साथ उनकी पगड़ी में हल्के बदलाव देखने को मिले, जहां पहले वह एक ही टोन की नीली पगड़ी पहनते थे, वहीं बाद में इसमें हल्का वेरिएशन भी देखा गया। लेकिन एक बात हमेशा बनी रही, वह नीली पगड़ी उनके सिर पर हमेशा रहती थी।
मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी न केवल उनके सादगीपूर्ण व्यक्तित्व को दर्शाती थी, बल्कि यह उनके जीवन के महत्व और उनके विचारों की गहरी समझ का भी प्रतीक थी। यह पगड़ी उनके अद्वितीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और भारतीय राजनीति में उनके योगदान का भी प्रतीक बन गई। मनमोहन सिंह की पगड़ी अब एक याद बनकर रह गई है, जो उनके व्यक्तित्व और कार्यों की निशानी होगी।