मुजफ्फरनगर। नगरीय क्षेत्र में पालिका के साथ अनुबंध के आधार पर कूड़ा निस्तारण के लिए काम कर रही दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फेसीलिटि प्रा. लि. के खिलाफ कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
अनुबंध का पालन नहीं करने के कारण कंपनी पहले ही पालिका की जांच का सामना कर रही है, वहीं अपने कर्मचारियों को वेतन भी कंपनी नहीं दे पा रही है, जिस कारण मंगलवार को एक बार फिर से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए कंपनी में लगे करीब 300 कर्मचारियों ने कूड़ा वाहनों का चक्का जाम करते हुए कामबंद हड़ताल कर दी।
कर्मचारियों ने कंपनी के भोपा रोड स्थित दफ्तर पर प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि दो माह का वेतन कंपनी नहीं दे पा रही है। कंपनी के लोगों का कहना है कि पालिका से भुगतान नहीं मिल पाने के कारण ही कर्मचारियों का वेतन रूका है।
बता दें कि नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहरी क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी से करार किया गया था। इसके लिए प्रतिमाह करीब 92 लाख रुपये कंपनी को पालिका के द्वारा भुगतान किया जा रहा है, जिसमें शर्त है कि कंपनी डोर टू डोर और बाजारों से यूजर चार्ज वसूलते हुए पालिका में जमा करायेगी, कर्मचारियों को प्रतिमाह 7 तारीख तक वेतन का भुगतान करेगी, लेकिन कंपनी द्वारा शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिस कारण पालिका स्तर से कंपनी के खिलाफ लगातार जांच और कार्यवाही की जा रही है।
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कंपनी के कर्मचारियों को भी समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है और इसके लिए लगातार हड़ताल हो रही है। मंगलवार को एक बार फिर से एमआईटूसी के प्राइमरी सैक्शन में डोर टू डोर कूड़ा कलैक्शन के लिए कार्य करने वाले वाहन चालक, सुपरवाइजर, सफाई कर्मचारी भोपा रोड स्थित कंपनी के दफ्तर पर पहुंचे और दो माह का वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कामबंद हड़ताल कर दी।
कर्मचारियों ने कूड़ा वाहनों का भी चक्का जाम कर दिया और वेतन दिए जाने तक काम नहीं करने की चेतावनी भी दी। कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह के समक्ष भी कर्मचारियों ने रोष जाहिर किया और वेतन मांगा, लेकिन वो मोबाइल फोन बंद कर वहां से गायब हो गये।
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वहीं कंपनी के सेकेंडरी प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह का कहना है कि पालिका से बिल का भुगतान नहीं किए जाने के कारण ही कर्मचारियों का वेतन लम्बित हो रहा है। बताया कि अक्टूबर और नवम्बर माह का वेतन प्राइमरी सैक्शन के करीब 300 कर्मियों को नहीं मिल पाया है। जबकि सेकेंडरी प्वाइंट के लिए डलावघरों पर कार्य करने वाले कर्मियों को कंपनी ने वेतन का भुगतान किया है, वहां पर कार्य लगातार जारी है। कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर पालिका प्रशासन से बात की गई है। पालिका ने 25 नवम्बर तक भुगतान का भरोसा दिलाया था, लेकिन भुगतान नहीं हो पाया है।
एमआईटूसी कंपनी ने पालिका के साथ किया फजीर्वाड़ा, चैक हुआ बाउंस
यूजर चार्ज जमा नहीं करने पर जब पालिका ने कंपनी का भुगतान रोका तो कंपनी की ओर से पालिका को 20 लाख रुपये यूजर चार्ज का भुगतान करने के लिए एक चैक जमा करा दिया। पालिका ने यह चैक बैंक में लगाया तो कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आया।
कंपनी ने 20 लाख का जो चैक दिया, वो उसके बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। जिस कारण पालिका प्रशासन को भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। एमआईटूसी चैक देकर भुगतान पाने का प्रयास कर रही थी।
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ईओ डा. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि कंपनी का 20 लाख रुपये के यूजर चार्ज भुगतान सम्बंधी चैक बाउंस होने, कंपनी के खिलाफ मिली शिकायतों पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने के कारण ही अक्टूबर माह का भुगतान कंपनी को नहीं किया गया है। कर्मचारियों को वेतन देने की व्यवस्था कंपनी को खुद करनी है, यदि काम नहीं होता है तो कंपनी की जवाबदेही है।