बागपत के पारंपरिक उत्पादों को मिलेगी वैश्विक पहचान, बालूशाही और छुआरे के लड्डू को GI टैग दिलाने की तैयारी तेज
बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की तैयारी है। इसके लिए जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक कर बागपत के विशिष्ट उत्पादों को जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
जिला प्रशासन ने बागपत की प्रसिद्ध बालूशाही और निरपुड़ा गांव के विशेष छुआरे के लड्डू को जीआई टैग के लिए प्रस्तावित किया है। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि दोनों उत्पादों से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज, गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट आदि निर्धारित समय में तैयार कर जीआई टैग हेतु भेजी जाए। जीआई टैग किसी भी उत्पाद की विशिष्टता, गुणवत्ता और उसके भौगोलिक क्षेत्र से जुड़े विशेष गुणों की औपचारिक मान्यता होती है। दुनिया भर में भारत के कई उत्पाद अपनी पहचान इसी कारण स्थापित कर पाए हैं। अब बागपत भी अपने पारंपरिक स्वाद और कारीगरी को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जीआई टैग मिलने से उत्पादों की नकली बिक्री पर रोक लगेगी, असली उत्पाद की बाजार में प्रामाणिकता बढ़ेगी और स्थानीय किसानों व कारीगरों को अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय और विदेशी बाजारों में बागपत की पहचान और मजबूत होगी।
वर्तमान में जनपद के तीन उत्पाद—गुड़, होम फर्निशिंग और रटौल का आम—पहले से जीआई टैग प्राप्त है। जिलाधिकारी ने रटौल आम के जीआई टैग रिन्यू आवेदन को भेजे जाने के निर्देश दिए। जीआई टैग मिलते ही बागपत के इन उत्पादों को देश-विदेश के बाजारों में नई पहचान मिलेगी और जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बैठक में परियोजना निदेशक राहुल वर्मा, जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव, डीडीएम नाबार्ड सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
