जैसे ही यह मामला सार्वजनिक हुआ, डॉक्टर के समर्थन में लोग सदर कोतवाली पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने महिला आयोग सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई करने की मांग की।
स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई, जब प्रदर्शन के दौरान सीओ और कोतवाल के साथ धक्का-मुक्की की घटना सामने आई। कोतवाली परिसर में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मची।
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया और कोतवाली को छावनी में बदल दिया गया। वरिष्ठ अधिकारी भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है:
“अगर आम आदमी पर कानून सख्त है, तो आयोग के सदस्य पर क्यों नहीं?”
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है, दोनों पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं और कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल सदर कोतवाली में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यह मामला प्रशासन और महिला आयोग दोनों के लिए चुनौती बना हुआ है। अब देखना होगा कि महिला आयोग की सदस्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी या मामला जांच के नाम पर स्थगित रह जाएगा।
