भाकियू की पंचायत का ऐलान: 17 अक्टूबर को मेरठ जिला मुख्यालय का महाघेराव, किसान पशुओं संग डेरा डालेंगे
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मेरठ। भोला झाल गांव में आयोजित भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की समीक्षा पंचायत ने आगामी किसान आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। तहसील सदर क्षेत्र की इस पंचायत में 50 से अधिक ग्राम प्रधान और किसान प्रतिनिधि जुटे और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 17 अक्टूबर को मेरठ जिला मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। किसानों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपने पशुओं के साथ जिला मुख्यालय पर डेरा डालेंगे और दीपावली व धनतेरस जैसे त्यौहार वहीं मनाएंगे।

पंचायत की अध्यक्षता फौजी नरेंद्र यादव ने की जबकि संचालन मोनू टिकरी और बबलू सिसौला ने संयुक्त रूप से किया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर अब धैर्य की सीमा खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा, “गन्ने का मूल्य बढ़ाने की बात हर बार होती है लेकिन हकीकत में किसान को उसका हक नहीं मिलता। भुगतान महीनों लटकता रहता है, सिंचाई विभाग की लापरवाही और बिजली विभाग की मनमानी ने किसानों की कमर तोड़ दी है। अब किसान चुप नहीं बैठेगा।” चौधरी ने कहा कि तहसील स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
उन्होंने सभी किसानों से संगठन को मजबूत करने और एकजुट होकर जिला मुख्यालय पहुंचने की अपील की। पंचायत में उपस्थित किसानों ने प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो यह आंदोलन लंबा चलेगा। बैठक में मेजर, राजपाल, लाला, वीरेंद्र, महेंद्र, प्रशांत त्यागी, बबलू गुर्जर, पवन गौतम, प्रमोद, ओमवीर गुर्जर, शैलेश चपराना, आमिर, सुधीर, पप्पू समेत अनेक किसान मौजूद रहे। पंचायत के अंत में किसानों ने एक स्वर में नारा लगाया — “अब खेत से शहर तक संघर्ष होगा, जब तक हक नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।” मेरठ का जिला मुख्यालय अब 17 अक्टूबर को किसानों के महाघेराव का गवाह बनेगा।