शाहबाद की अनोखी दरगाह - जहाँ श्रद्धालु 40 फीट गहरे कुएं में उतरकर जलाते हैं चिराग, सदियों पुरानी हैरतअंगेज परंपरा


40 फीट गहरे कुएं में जलता है चिराग

दुआओं का केंद्र और मन्नतों का ठिकाना
स्थानीय लोगों का कहना है कि झोरा भोरा साहब की दरगाह पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। जिनका विश्वास सच्चा होता है, उनकी दुआयें यहाँ जरूर कबूल होती हैं। यही कारण है कि यह जगह सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बन चुकी है। कोई यहां रहस्य को देखने आता है, तो कोई अपनी आस्था को और गहराई से महसूस करने।
परंपरा ने बनाया अद्वितीय धार्मिक स्थल
इस चिरागी परंपरा ने झोरा भोरा साहब के मजार को एक अनोखी पहचान दी है। यहाँ की आध्यात्मिकता सतह के ऊपर नहीं, बल्कि धरती के भीतर उतरकर अनुभव की जाती है। वर्षों से यह परंपरा जारी है और यह स्थल अब रामपुर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। जो भी भक्त इस मजार की यात्रा करता है, उसका अनुभव जीवनभर उसकी स्मृतियों में दर्ज रहता है।
आस्था की शक्ति का जीवंत प्रमाण
मजार की इस परंपरा को देखने वाले कहते हैं कि यह केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि भगवान और भक्त के मध्य अटूट संबंध की मिसाल है। जब कोई व्यक्ति 40 फीट गहराई में उतरकर चिराग जलाता है, तो वह सिर्फ दीया नहीं जलाता - वह अपने भीतर विश्वास की ज्योति प्रज्वलित कर देता है। यही भावना इस दरगाह को रहस्य और अध्यात्म का संगम बनाती है।